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Friday, July 4, 2025

सूचना आयोग ने यूआईटी में विभागाध्यक्षों की नियुक्ति में ‘अनियमितताओं’ पर उचित कार्रवाई के आदेश दिए

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शिमला, 25 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अधिकारियों को राज्य सूचना आयोग ने यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) के विभिन्न विभागों में विभागाध्यक्षों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं के संबंध में ‘‘उचित कार्रवाई’’ करने का आदेश दिया है।

शनिवार को जारी आदेश में, सूचना आयुक्त एस एस गुलेरिया ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) के कुलसचिव को मामले की जांच करने को कहा है। यह बात सामने आई है कि ये नियुक्तियां एचपीयू के इंजीनियरिंग संस्थान यूआईटी में विभागाध्यक्ष पद के प्रावधान के बिना और सक्षम प्राधिकार की मंजूरी के बिना की गई हैं।

सूचना आयुक्त ने हमीरपुर जिले के नादौन निवासी विनय कुमार की आरटीआई (सूचना का अधिकार) याचिका पर यह आदेश जारी किया।

एचपीयू के कुलपति एस पी बंसल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि ‘‘कुलसचिव से इस मुद्दे पर गौर करने को कहा जाएगा।’’

बंसल ने यह भी कहा कि इस संबंध में एक समिति गठित की जाएगी।

सूचना आयोग ने यूआईटी निदेशक ए जे सिंह, जो संस्थान के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) भी हैं, को 15 दिनों के भीतर आवेदक को पूरी और सही जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दायर अर्जी का निपटारा करते हुए सूचना आयुक्त ने निर्देश दिया कि ‘‘एचपीयू के कुलसचिव द्वारा उचित कार्रवाई शुरू की जाए और मामले को उचित कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकार के समक्ष रखा जाए।’’

आदेश में कहा गया है, ‘‘यह स्पष्ट है कि ऐसा, कुछ संकाय सदस्यों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था, जिसका इस्तेमाल पदोन्नति प्राप्त करने में अतिरिक्त लाभ/लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी देने से इनकार कर दिया गया, और कोई विशिष्ट, पूर्ण और सही जानकारी प्रदान नहीं की गई थी।’’

संपर्क करने पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि ‘‘नियमों का पालन किया जाना चाहिए और इसे (नियुक्ति को) ठीक किया जाना चाहिए।’’

इससे पहले, एचपीयू के यूआईटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के तीन सहायक प्रोफेसरों ने भी अप्रैल 2025 में एक पत्र के माध्यम से डीन ऑफ स्टडीज के संज्ञान में यह मामला लाया था।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में चार सहायक प्रोफेसर हैं और उनमें से एक विभागाध्यक्ष है।

पीआईओ सिंह ने 1 दिसंबर 2024 को आरटीआई आवेदक को जवाब भेजा था, लेकिन जवाब से असंतुष्ट होकर उन्होंने प्रथम अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील दायर की, लेकिन फिर से प्राधिकार द्वारा भेजा गया जवाब संतोषजनक नहीं था।

आवेदक ने 2 मार्च 2025 को सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील दायर की, जिसमें अनुरोध किया गया कि पीआईओ और प्राधिकार को उसके 7 नवंबर 2024 के आरटीआई आवेदन के अनुसार बिंदुवार सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए जाएं।

सुनवाई के दौरान सिंह ने माना कि यूआईटी में विभागाध्यक्ष का कोई पद नहीं है। पीआईओ ने कहा कि विभागाध्यक्ष (एचओडी) की नियुक्ति ‘‘निदेशक द्वारा’’ की गई, जबकि तथ्य यह है कि एचओडी का कोई पद नहीं है और कुलपति से ‘‘कोई मंजूरी’’ भी नहीं ली गई।

सूचना आयुक्त ने आदेश में कहा, ‘‘पीआईओ प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर देने में असमर्थ रहे थे।’’

आयुक्त ने यह भी आदेश दिया कि पीआईओ इस आदेश के पारित होने के 15 दिनों के भीतर अपीलकर्ता को तथ्यात्मक स्थिति के अनुसार पूर्ण और सही जानकारी उपलब्ध कराएं तथा इसकी सूचना आयोग को दें।

भाषा सुभाष नरेश

नरेश

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