29 C
Jaipur
Tuesday, August 12, 2025

दुनिया भर में खसरे के मामले बढ़ रहे हैं, क्या बच्चों को पहले टीका लगवाएं ?

Newsदुनिया भर में खसरे के मामले बढ़ रहे हैं, क्या बच्चों को पहले टीका लगवाएं ?

(मेरु शील, सिडनी विश्वविद्यालय और अनीता हेवुड, यूएनएसडब्ल्यू सिडनी)

सिडनी, नौ जून (द कन्वरसेशन) हाल के वर्षों में दुनिया भर में खसरे के मामले बढ़ रहे हैं। 2023 में दुनिया भर में खसरे के लगभग एक करोड़ तीन लाख मामले सामने आये, जो 2022 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक हैं।

अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया सहित पूरी दुनिया में इसके प्रकोप की खबरें आ रही हैं। उदाहरण के लिए, वियतनाम में 2024 और 2025 में खसरे के हजारों मामले सामने आने की खबर है।

ऑस्ट्रेलिया में 2025 के पहले पांच महीनों में खसरे के 77 मामले दर्ज किये गये हैं, जबकि 2024 में कुल 57 मामले दर्ज किये गए थे।

ऑस्ट्रेलिया में खसरे के लगभग सभी मामले अंतरराष्ट्रीय यात्रा से जुड़े हैं। ये मामले विदेश से लौटने वाले यात्रियों में होते हैं, या संक्रमित यात्री या उनके संपर्क में आने वाले लोगों से घुलने-मिलने के बाद स्थानीय स्तर पर फैलते हैं।

खसरा सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करता है और इसे टीकाकरण से रोका जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया में 12 और 18 महीने की उम्र में बच्चों को दो खुराक दी जाती हैं। लेकिन दुनिया भर में बढ़ रहे मौजूदा मामलों ​​के मद्देनजर, क्या खसरे के टीकाकरण के समय की समीक्षा करने की जरूरत है?

खसरे से जुड़ी कुछ बुनियादी बातें :

खसरा मोर्बिलिवायरस नामक वायरस के कारण होता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना और दाने होना शामिल हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में यह एक हल्की बीमारी के रूप में सामने आता है, लेकिन खसरा गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है और यहां तक ​​कि मौत भी हो सकती है।

खसरे के संक्रमण के कई वर्षों बाद भी इसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं, जैसे कि मस्तिष्क और रोग प्रतिरोधक प्रणाली पर असर पड़ना। खसरा अत्यधिक संक्रामक है, खसरे से पीड़ित एक व्यक्ति 12-18 लोगों में संक्रमण फैला सकता है। चूंकि खसरा बहुत संक्रामक है, इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रसार को रोकने के लिए दो-खुराक टीकाकरण कवरेज की सिफारिश करता है।

कम और घटता टीकाकरण कवरेज, विशेष रूप से कोविड महामारी के बाद से, वैश्विक स्तर पर खसरे के प्रकोप ​​को बढ़ावा दे रहा है।

बच्चों को खसरे से बचाव के लिए कब टीका लगाया जाता है?

नवजात शिशुओं को आम तौर पर मां से मिली रोग प्रतिरोधक क्षमता की बदौलत खसरे से सुरक्षा मिलती है। ये प्रतिरोधक क्षमता प्लेसेंटा और मां के दूध के माध्यम से बच्चे तक पहुंचती हैं, और खसरे सहित अन्य संक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करती हैं।

डब्ल्यूएचओ ने सलाह दी है कि सभी को खसरे के टीके की दो खुराकें लेनी चाहिए। जिन जगहों पर खसरे का संक्रमण बहुत ज्यादा है, वहां बच्चों को आमतौर पर नौ महीने की उम्र में पहली खुराक देने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह माना जाता है कि उस उम्र तक ज्यादातर शिशुओं में मां से मिली रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है, जिससे उनके लिए संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।

शोध से यह भी पता चला है कि 8.5 महीने से कम उम्र में दिए जाने वाले खसरे के टीके से रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रतिक्रिया अधिक तेजी से कम हो सकती है। यह मां से नवजात को मिली रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ हस्तक्षेप के कारण हो सकता है, लेकिन शोधकर्ता अभी भी इसके कारणों को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

टीके की दूसरी खुराक आमतौर पर नौ महीने बाद दी जाती है। दूसरी खुराक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लगभग 10-15 प्रतिशत बच्चों में पहली वैक्सीन के बाद प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं होती है।

जिन क्षेत्रों में खसरा संक्रमण बेहतर नियंत्रण में है, वहां 12 महीने की उम्र में पहली खुराक की सिफारिश की जाती है। नौ महीने की उम्र की तुलना में 12 महीने की उम्र में टीकाकरण को अधिक मजबूत और लंबे समय तक बरकरार रहने वाली रोग प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने वाला माना जाता है।

(द कन्वरसेशन) शफीक नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles