पोर्ट ब्लेयर, नौ जून (भाषा) अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह पुलिस ने एक सहकारी बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत करने में कथित अनियमितताओं की जांच के दौरान कई मुखौटा (शेल) कंपनियों का पता लगाया है और उन कंपनियों के खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इससे पहले, अंडमान एंड निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (एएनएससीबीएल) के उपाध्यक्ष और कांग्रेस के पूर्व सांसद कुलदीप राय शर्मा के खिलाफ विभिन्न लोगों को भारी मात्रा में ऋण देने में ‘घोर अनियमितताओं’ के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
एसएसपी (सीआईडी) जितेंद्र कुमार मीणा ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘हमें सहकारी समितियों के डिप्टी रजिस्ट्रार से ऐसी अनियमितताओं के बारे में शिकायत मिली है। हमें कुछ मुखौटा (शेल) कंपनियां मिली हैं। हम उनके निदेशकों से पूछताछ कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हमें मुखौटा कंपनियों में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के मामले (करोड़ों रुपये की राशि) भी मिले हैं। सभी संदिग्ध बैंक खातों पर रोक लगा दी गयी है और आगे की जांच जारी है।’
ऐसी कंपनी जो कागज़ों पर तो पंजीकृत होती है, लेकिन उसका कोई वास्तविक व्यापार, उत्पादन या संचालन नहीं होता, उसे मुखौटा कंपनी कहते हैं। इसका उपयोग अक्सर काले धन को सफेद करने (धन शोधन), कर बचाने या कानूनी धोखाधड़ी के लिए किया जाता है।
मीणा ने कहा कि जांच के दौरान सीआईडी ने करीब 50 संदिग्ध ऋण फाइलें जब्त कीं और 40 से अधिक लोगों से पूछताछ की, जो विभिन्न मुखौटा कंपनियों के निदेशक हैं और एएनएससीबीएल के 10 से अधिक अधिकारियों से पूछताछ की।
शर्मा के अलावा प्राथमिकी में एएनएससीबीएल के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत भगत सिंह, इसके निदेशक और उनके रिश्तेदारों के नाम भी शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि एएनएससीबीएल की प्रबंध समिति ने अग्रिम राशि को मंजूरी देते समय ऋण स्क्रीनिंग समिति की सिफारिशों के साथ-साथ सिबिल (सीआईबीआईएल) रिपोर्ट की भी कथित तौर पर अनदेखी की।
इस बीच, एएनएससीबीएल के प्रबंध निदेशक के मुरुगन ने हाल ही में एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें ग्राहकों से घबराने की अपील नहीं की गई और उन्हें बैंक की वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा का आश्वासन दिया गया।
भाषा
शुभम दिलीप
दिलीप