मुंबई, नौ जून (भाषा) महाराष्ट्र कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि बैंकों के ब्याज दर कम करने से जमा पर भी ब्याज कम होंगे, जिससे मध्यम वर्ग प्रभावित होगा। कांग्रेस ने इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र सरकार से नागरिकों की जमा राशि को संरक्षण देने की मांग की।
बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े रहे एवं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के नेता विश्वास उटगी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जैसे-जैसे बैंक अपनी ब्याज दरें कम कर रहे हैं, वे जमा पर भी ब्याज कम करेंगे। इसका मतलब है कि आम जमाकर्ता, विशेष रूप से सेवानिवृत्त और मध्यम वर्ग को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
उटगी ने कहा, ‘‘ आरबीआई ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो 0.5 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया। जबकि कई विशेषज्ञों ने 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद की थी, आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अधिक आक्रामक रुख अपनाया है। इससे ऋण वृद्धि को तो बढ़ावा मिलेगा, लेकिन जमाकर्ताओं के हित प्रभावित होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, जैसे-जैसे बैंक अपनी ब्याज दरें कम करते हैं, वे जमा पर ब्याज दरें भी कम करते हैं। इसका मतलब है कि आम जमाकर्ता, विशेष रूप से सेवानिवृत्त और मध्यम वर्ग के बचतकर्ता, एक बार फिर इसका खामियाजा भुगतेंगे। जमाकर्ताओं की घटती क्रय शक्ति एक गंभीर चिंता का विषय है।’’
उटगी ने कहा कि हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जमा के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन… ब्याज दरों में गिरावट से जमाकर्ताओं की क्रय शक्ति कम हो जाती है, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए जो सेवानिवृत्ति के बाद पूरी तरह से ब्याज आय पर निर्भर रहते हैं।
उन्होंने दावा किया, ‘‘आरबीआई और सरकार राष्ट्रीय बचत में योगदान देने वालों की वित्तीय स्थिति को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर रहे हैं और मौजूदा नीति ढांचे में जमाकर्ताओं के लिए कोई सुरक्षा नहीं दिखती है। आरबीआई और केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि छोटे जमाकर्ताओं और बचतकर्ताओं के लिए सुरक्षा कहां है।’’
उन्होंने कहा कि आरबीआई और केंद्र को जमाकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानना चाहिए, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और बैंकों और वित्तीय प्रणाली में विश्वास बहाल करना चाहिए।
उटगी ने सवाल किया कि बैंक और सरकार ईमानदार जमाकर्ताओं की तुलना में बड़े चूककर्ताओं को प्राथमिकता क्यों देते हैं।
भाषा अमित रमण
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