नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) बाहरी दिल्ली के नांगलोई में सोमवार सुबह एक मकान का एक हिस्सा ढहने से आठ वर्षीय बच्चे की मौत हो गई, जबकि 45 वर्षीय व्यक्ति घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उसने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब एक मंजिला मकान की छत पर बना शौचालय नीचे बरामदे पर गिर गया, जिससे छत गिर गई।
पुलिस ने बताया कि मृत बच्चे की पहचान वंश के रूप में हुई है, जो एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा था। पुलिस ने बताया कि वंश का परिवार उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का रहने वाला है और घर में किराए पर रह रहा था।
पुलिस ने कहा कि घर में रहने वाले अन्य लोग सुरक्षित हैं।
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के अनुसार, उसे नांगलोई के राजेंद्र पार्क एक्सटेंशन से सुबह सात बजकर 12 मिनट पर घटना के संबंध में एक कॉल प्राप्त हुई, जिसके बाद दमकल की चार गाड़ियों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया।
बचाव अभियान के दौरान दमकलकर्मियों को मलबे में दो लोग फंसे हुए मिले।
अग्निशमन विभाग ने बताया कि मलबे में दो लोग फंसे हुए थे। विभाग ने बताया कि उनमें से एक की पहचान साबिर (45) के रूप में हुई है, जिन्हें मामूली चोटें आईं और उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया, जबकि बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। विभाग ने बताया कि उसे संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
एडीसीपी (बाहरी) मनोज कुमार मीणा ने बताया, ‘इमारत पुरानी थी। छत पर पानी की टंकी होने के कारण लोहे की छड़ों में जंग लग गई थी, जिसके कारण इमारत ढह गई।’
अधिकारी ने कहा, ‘हम आस-पास की इमारतों की जांच कर रहे हैं कि कहीं उनकी हालत भी ऐसी ही तो नहीं है। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और अगर कोई लापरवाही पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
वंश की दादी कृष्णा देवी ने संवाददाताओं को बताया कि जब ऊपर का ढांचा गिरा तो उनका पोता सीढ़ियों पर बैठा था।
उन्होंने कहा, ‘जब यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, तब वंश मोबाइल फोन देख रहा था। उसके पिता ने उसे बाहर निकाला, जिसके बाद मकान मालिक ने पुलिस को बुलाया, जिसने बच्चे को अपने साथ ले लिया। उन्होंने किसी को भी बच्चे को देखने नहीं दिया।’
कृष्णा देवी पिछले दो वर्षों से इस मकान में रह रही हैं, जबकि उनका बेटा और उसका परिवार दो महीने पहले पहली बार दिल्ली आया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘घर की हालत बहुत खराब थी। मकान मालिक की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।’
भाषा
शुभम माधव
माधव