नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने भूमिहीन झुग्गी-झोपड़ी (जेजे) कैंप स्थित मकानों पर नये बेदखली नोटिस चिपकाए हैं और अतिक्रमणकारियों को अगले तीन दिनों के भीतर स्थान खाली करने की चेतावनी दी है।
कैंप में अधिकतर निवासी प्रवासी श्रमिक हैं और इस कैंप में अतीत में तीन बार ध्वस्तीकरण अभियान का चलाया गया है। यहां ध्वस्तीकरण अभियान इस वर्ष मई और जून तथा 2023 के जुलाई में चलाया गया।
अधिकारियों के अनुसार, कैंप के केवल 1,862 परिवार ही पात्र पाए गए हैं और उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर सरकारी आवास आवंटित किए गए हैं।
डीडीए के नोटिस में कहा गया है, ‘‘कालकाजी एक्सटेंशन में भूमिहीन कैंप के सभी निवासियों को सूचित किया जाता है कि अदालत के निर्देशानुसार अवैध जे जे क्लस्टर को ध्वस्त कर दिया जाएगा।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘इस संबंध में तीन दिन – 8, 9 और 10 जून – दिए जा रहे हैं। इसके बाद ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जाएगा, उसके बाद डीडीए जिम्मेदार नहीं होगा।’
हालांकि, वर्तमान प्रश्नों पर डीडीए की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन इससे पहले 6 जून को डीडीए ने कहा था कि उसने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिकाओं को खारिज करने के बाद मई में भूमिहीन कैंप में झुग्गियों को ध्वस्त किया था।
डीडीए के अनुसार, डीयूएसआईबी नीति के आधार पर 1,862 परिवार पात्र पाए गए। उसने कहा कि निवासियों के पास 2015 की अतिथि से पहले मतदाता सूची में उनका नाम और शिविर के निवासियों के रूप में अन्य ऐसे पहचान दस्तावेजों को दर्शाने वाले दस्तावेज होने चाहिए।
डीडीए ने उल्लेख किया कि भूमिहीन कैंप में लगभग 1,618 झुग्गियां मौजूद थीं। उसने कहा कि इनमें से 935 झुग्गियों को पहले ही ध्वस्त कर दिया गया था, जबकि शेष 683 को ध्वस्तीकरण के खिलाफ स्थगन, आस-पास की झुग्गियों और सात धार्मिक ढांचों के कारण हटाया नहीं जा सका।
भाषा अमित माधव
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