मुंबई, नौ जून (भाषा) ठाकरे बंधुओं के मध्य सुलह की अटकलों के बीच शिवसेना (उबाठा) के नेता आदित्य ठाकरे ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी किसी भी ऐसे संगठन के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है जो मुंबई, महाराष्ट्र और मराठी भाषी लोगों के लिए ‘साफ दिल एवं दिमाग’ से काम करना चाहता है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) तथा उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के बीच संभावित गठबंधन को लेकर चल रही चर्चा के बारे में पूछे जाने पर आदित्य ठाकरे ने संकेत दिया कि अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है और बातें मीडिया हलकों से आगे नहीं बढ़ी हैं।
राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘चर्चाएं सिर्फ मीडिया में हैं। फिलहाल किसी ने (गठबंधन के लिए) आह्वान किया है और हमने जवाब दिया है। अगला कदम कब उठाया जाएगा, यह बाद में लोग देखेंगे।’’
विपक्षी विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘‘हम उन लोगों के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं, जो मराठी भाषी लोगों, मुंबई और महाराष्ट्र के लिए साफ दिल एवं दिमाग से लड़ने के लिए तैयार हैं। उद्धव जी पहले ही कह चुके हैं कि जो लोग चाहेंगे वही होगा।’’
अलग-अलग राह पर चल रहे दोनों (राज एवं उद्धव) ठाकरे चचेरे भाइयों ने संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है, क्योंकि उनके हालिया बयानों से संकेत मिलता है कि वे ‘‘मामूली मुद्दों’’ को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कटु अलगाव के बाद हाथ मिला सकते हैं।
राज ठाकरे ने कहा है कि ‘मराठी मानुष’ (मराठी भाषी लोगों) के हित में एकजुट होना कठिन नहीं है। इस पर उद्धव ने कहा कि वह छोटे-मोटे झगड़ों को किनारे रखने के लिए तैयार हैं, बशर्ते महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को साथ न लिया जाए।
निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि आयोग ‘भाजपा कार्यालय से काम करता है।’
महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लेख की भाजपा द्वारा आलोचना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने पूछा, ‘‘भाजपा निर्वाचन आयोग से पूछे गए सवालों का जवाब क्यों दे रही है?’’
कांग्रेस और शिवसेना (उबाठा) राज्य में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक हैं।
गांधी ने पिछले सप्ताह एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक में एक लेख लिखा था और आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे, यही कारण है कि भाजपा-नीत राजग ने इनमें भारी जीत हासिल की।
भाषा
राजकुमार सुरेश
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