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Tuesday, June 10, 2025

पारदर्शिता कोई एहसान नहीं, संवैधानिक दायित्व है: कांग्रेस ने ईसी से जवाब मांगते हुए कहा

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नयी दिल्ली,नौ जून (भाषा) निर्वाचन आयोग पर एक और हमला करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि आयोग की विश्वसनीयता दांव पर है और उसे विपक्षी पार्टी द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब देना चाहिए, क्योंकि पारदर्शिता कोई एहसान नहीं बल्कि संवैधानिक दायित्व है।

कांग्रेस पार्टी की यह मांग है कि निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र और हरियाणा के मतदाता सूचियों को सार्वजनिक करे, ताकि चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता और विश्वास बहाल हो सके।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है, जिसे आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया है।

सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने कहा कि 2024 में मसौदा और अंतिम चरण में कांग्रेस और अन्य दलों को वार्षिक संशोधित मतदाता सूची मुहैया की गई थी।

इसने कहा, ‘‘इसी तरह की कवायद 2009, 2014, 2019 और 2024 में की गई थी तथा ऐसी मतदाता सूची की प्रतियां कांग्रेस के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थीं।’’

इसने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2024 में इस्तेमाल की गई मतदाता सूची की एक संपूर्ण प्रति भी वेबसाइट पर निशुल्क डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध है।’’

पोस्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने 22 मई को कांग्रेस के एक सांसद के समक्ष यह वैधानिक स्थिति दोहराई थी, जिन्होंने 2009, 2014, 2019 और 2024 में संशोधन के समय पार्टी को पहले से उपलब्ध कराई गई मतदाता सूची की प्रति मांगी थी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा और महाराष्ट्र की मतदाता सूची से जुड़े आंकड़े साझा करने संबंधी निर्वाचन आयोग के कथित फैसले की सराहना करते हुए इसे ‘‘पहला अच्छा कदम’’ करार दिया है।

उन्होंने आयोग से अनुरोध किया कि वह उस तारीख का ऐलान करे, जब डिजिटल और ‘मशीन द्वारा पठनीय’ प्रारूप में आंकड़े सौंपा जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बयान में कहा कि गांधी द्वारा लिखे गए और कई राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित आलेख चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर और वैध सवाल उठाता है, खासकर हाल ही में संपन्न हुए 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के संदर्भ में।

उन्होंने कहा, ‘‘इस आलेख के जवाब में, कथित तौर पर निर्वाचन आयोग का एक पत्र सामने आया। हालांकि, हमारा स्पष्ट रूप से कहना है कि इस पत्र की प्रामाणिकता संदिग्ध बनी हुई है।’’

खरगे ने अपने बयान में कहा, ‘‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अधिकृत संवैधानिक संस्था की ओर से पारदर्शिता की यह कमी बेहद चिंताजनक है। लोकतांत्रिक मूल्यों और चुनाव में शुचिता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण सवालों का समर्थन करती है और उन्हें सार्वजनिक रूप से दोहराती है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पारदर्शिता कोई एहसान नहीं है, यह एक संवैधानिक दायित्व है।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘लोकतंत्र अपारदर्शी प्रक्रियाओं और अपुष्ट आंकड़ों के आधार पर नहीं टिक सकता। कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के पूर्ण पारदर्शिता और संस्थागत जवाबदेही के आह्वान के साथ मजबूती से खड़ी है। निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता दांव पर है और हम उससे एक तटस्थ और संवैधानिक संस्था से अपेक्षित मानकों को बनाए रखने का आग्रह करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के नागरिक जवाब पाने के हकदार हैं।’’

गांधी ने मीडिया की एक खबर का ‘स्क्रीनशॉट’ साझा किया, जिसमें दावा किया गया है कि निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2009 से 2024 तक हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए मतदाता सूची का आंकड़े साझा करने का रास्ता साफ कर दिया है। इसमें कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने इससे पहले इस साल की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय को इस संबंध में आश्वासन दिया था।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची को सौंपने के लिए उठाया गया अच्छा पहला कदम। क्या निर्वाचन आयोग उस तय तिथि की घोषणा करने की कृपा कर सकता है, जब यह आंकड़े डिजिटल और ‘मशीन द्वारा पठनीय’ प्रारूप में सौंपा जाएगा?’’

गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाले अपने लेख पर निर्वाचन आयोग से जवाब मांगे जाने के एक दिन बाद रविवार को आयोग के सूत्रों ने कहा था कि संवैधानिक संस्था तभी जवाब देगी, जब विपक्ष के नेता उसे सीधे पत्र लिखेंगे।

खरगे ने महाराष्ट्र में मतदाता संख्या में बेतहाशा वृद्धि, मतदाता और मतदान के आंकड़ों में ‘‘विसंगति’’ तथा मतदाता सूचियों का ‘‘प्रकाशन न किए जाने’’ के आरोपों को भी दोहराया और निर्वाचन आयोग से जवाब देने का आग्रह किया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो उसे 2024 के लोकसभा चुनावों और 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के समेकित, डिजिटल और मशीन द्वारा पठनीय प्रारूप में मतदाता सूची जारी करनी चाहिए।

उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों से शाम 5 बजे के बाद की सभी सीसीटीवी फुटेज या वीडियोग्राफी तक पहुंच देने की भी मांग की।

कांग्रेस नेताओं और विशेषज्ञों का विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह (ईगल) ने कहा कि यह सर्वविदित है कि नवंबर 2024 से कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र चुनावों में मतदाता सूची में हेरफेर के मुद्दे पर चिंता जताती रही है।

भाषा सुभाष माधव

माधव

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