(विनय शुक्ला)
मॉस्को, नौ जून (भाषा) रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन के बीच तनाव में “काफी” कमी आई है और त्रिपक्षीय समूह‘आरआईसी’ का रुका हुआ काम फिर से शुरू हो सकता है।
यहां ‘2050 भविष्य का मंच’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आरआईसी प्रारूप में संयुक्त कार्य की बहाली बहुध्रुवीय ढांचे के निर्माण समेत यूरेशियाई प्रक्रियाओं की दिशा में पहला कदम हो सकता है।
रूसी समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार लावरोव ने कहा, ‘‘ मुझे वाकई उम्मीद है कि हम ‘रूस-भारत-चीन’ त्रिपक्षीय समूह के काम को फिर से शुरू कर पाएंगे। पिछले कुछ वर्षों से हमारी विदेश मंत्रियों के स्तर पर बैठक नहीं हुई है, लेकिन हम अपने चीनी सहयोगी और विदेश विभाग के भारतीय प्रमुख के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में उम्मीद है कि अब जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव कम हो गया है — मेरी राय में यह काफी हद तक कम हुआ है — और हालात स्थिर हो रहा है, नयी दिल्ली और बीजिंग के बीच संवाद हो रहा है, तो हम ‘रूस-भारत-चीन’ त्रिगुट के कार्य को फिर से शुरू करने में सक्षम होंगे।’’
भारत और चीन की सेनाओं के बीच 2020 में गलवान घाटी में हुए गतिरोध के बाद, त्रिपक्षीय समूह ‘आरआईसी’ बहुत सक्रिय नहीं रहा है।
लावरोव ने कहा कि रूस और चीन बहुध्रुवीय संरचना के निर्माण सहित अखिल महाद्वीपीय प्रक्रिया में अग्रणी और सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं और उन्हें ऐसा करना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरआईसी प्रारूप की बहाली इस दिशा में पहला कदम हो सकता है।
उन्होंने कहा, “यह महाद्वीपीय प्रक्रियाओं की गति में भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम होगा।”
रूसी दार्शनिक अलेक्जेंडर डुगिन, जिन्हें अक्सर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ‘गुरु’ कहा जाता है, से प्रेरित दो दिवसीय कार्यक्रम ने युवा प्रतिभागियों को आकर्षित किया है।
टेस्ला और स्पेसएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क के पिता एरोल मस्क भी इस फोरम में भाग ले रहे हैं।
भाषा
प्रशांत दिलीप
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