मलप्पुरम (केरल), 10 जून (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने नीलांबुर में आगामी विधानसभा उपचुनाव में जमात-ए-इस्लामी समर्थित ‘वेलफेयर पार्टी’ के समर्थन को स्वीकार करने के लिए मंगलवार को कांग्रेस नीत यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) की आलोचना की और कहा कि विपक्षी मोर्चे ने सांप्रदायिकता के खिलाफ बोलने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
नीलांबुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव 19 जून को होना है।
वामपंथी पार्टी ने आरोप लगाया कि ‘वेलफेयर पार्टी’ द्वारा यूडीएफ उम्मीदवार को दिया गया समर्थन राज्य में कांग्रेस नीत गठबंधन में जारी सांप्रदायिक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
इस बीच, माकपा की राज्य इकाई के सचिव एम वी गोविंदन ने नीलांबुर उपचुनाव में वामपंथी उम्मीदवार को विवादास्पद मौलवी अब्दुल नसर मदनी के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) द्वारा दिए गए समर्थन का बचाव करते हुए कहा कि यह एक ऐसी पार्टी है जिसे राज्य में ‘‘कई उत्पीड़न’’ का सामना करना पड़ा है।
यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए गोविंदन ने आरोप लगाया कि यूडीएफ ‘‘सांप्रदायिक ताकतों का गठबंधन’’ बन गया है और इसलिए उसे अब सांप्रदायिकता के खिलाफ एक शब्द भी बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘न केवल नीलांबुर में बल्कि पूरे केरल में उन्हें (यूडीएफ को) इसके परिणाम भुगतने होंगे।’’
उन्होंने कहा कि अतीत में भी चुनावों में यूडीएफ ने सांप्रदायिक ताकतों के साथ गठबंधन किया था।
पीडीपी के बारे में पूछे जाने पर गोविंदन ने कहा कि इसकी तुलना जमात-ए-इस्लामी से नहीं की जा सकती।
मार्क्सवादी नेता ने कहा, ‘‘जमात-ए-इस्लामी दुनिया के सबसे बड़े सांप्रदायिक संगठनों में से एक है। यह आरएसएस की तरह है। यह एक ऐसा संगठन है जो इस्लामी राष्ट्र के गठन की मांग करता है। पीडीपी ने कभी ऐसा रुख नहीं अपनाया।’’
माकपा नेता इलामारम करीम ने भी जमात-ए-इस्लामी के समर्थन को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाले मोर्चे की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने आरोप लगाया कि जमात-ए-इस्लामी एक ऐसी विचारधारा का समर्थन करती है जो आतंकवाद का समर्थन करती है।
राज्य के उत्तरी भाग में एक प्रमुख सुन्नी युवा संगठन ‘सुन्नी युवजन संघम’ (एसवाईएस) ने भी आगामी उपचुनाव में यूडीएफ को ‘वेलफेयर पार्टी’ द्वारा दिए गए समर्थन का विरोध किया है।
एसवाईएस के एक नेता ने कहा कि यूडीएफ उपचुनाव के उम्मीदवार आर्यदान शौकत वह व्यक्ति हैं जिन्होंने पहले कहा था कि जमात-ए-इस्लामी वैश्विक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस जैसा है।
उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘ ऐसी परिस्थिति में जमात-ए-इस्लामी का उनके पास जाकर समर्थन देना हास्यास्पद है..।’’
उपचुनाव में मुख्य मुकाबला माकपा के राज्य सचिवालय सदस्य एम स्वराज और कांग्रेस उम्मीदवार आर्यदान शौकत के बीच है
भाषा शोभना मनीषा
मनीषा