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Friday, August 1, 2025

‘भारत माता’ तस्वीर विवाद: राज्यपाल ने तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की, भाकपा ने पोस्टर वापस लिए

News‘भारत माता’ तस्वीर विवाद: राज्यपाल ने तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की, भाकपा ने पोस्टर वापस लिए

कोट्टायम (केरल), 10 जून (भाषा) केरल में ‘भारत माता’ विवाद जारी रहने के बीच राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में गोवा दिवस समारोह के दौरान ‘भारत माता’ के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने स्थानीय पार्टी कार्यक्रम में भिन्न तस्वीर वाले एक पोस्टर को वापस ले लिया।

भाकपा के पोस्टर में भारत माता के हाथों में तिरंगा है।

तिरुवनंतपुरम में सोमवार को राजभवन में आयोजित गोवा दिवस समारोह के दौरान आर्लेकर ने ‘भारत माता’ के उसी चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की जिसकी वजह से पिछले सप्ताह राज्य के कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने पर्यावरण दिवस समारोह का बहिष्कार किया था।

राज्यपाल कार्यालय ने कहा कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत केरल राजभवन में गोवा स्थापना दिवस मनाया गया।

उसी दिन, भाकपा ने यहां 13 जून से 15 जून तक चलने वाले एक स्थानीय पार्टी कार्यक्रम के संबंध में एक पोस्टर को वापस ले लिया, जिसमें तिरंगा साड़ी पहने और राष्ट्रीय ध्वज पकड़े हुए ‘भारत माता’ की छवि थी।

भाकपा के जिला सचिव वी.बी. बीनू ने कहा कि पोस्टर के बारे में जानकारी मिलते ही इसे सोशल मीडिया से हटाने के निर्देश दिए गए, ताकि ‘‘अनावश्यक विवाद’’ से बचा जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को पार्टी के कार्यक्रमों या प्रतीकों के साथ जोड़ना ठीक नहीं है।

इस घटना के बाद, भाजपा ने सोशल मीडिया पर पोस्टर प्रसारित करने को लेकर भाकपा के कोट्टायम जिला नेतृत्व को बधाई दी और इसे राजभवन में कार्यक्रम का बहिष्कार करने के वामपंथी नेता प्रसाद के फैसले के बदले में दिया गया जवाब बताया।

एक बयान में भाजपा नेता एन. हरि ने कहा कि यह पोस्टर एक बड़े बदलाव की शुरुआत है लेकिन यह खेदजनक है कि इस वाम दल ने इसे वापस ले लिया तथा स्पष्टीकरण जारी किया।

उन्होंने अपने बयान में कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने गर्व के साथ ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए थे, लेकिन वर्तमान में ऐसी स्थिति नहीं है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘वे भारत माता कहने से डरते हैं और यह डर वोट बैंक की राजनीति के कारण है।’’

केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) में दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी भाकपा ने राजभवन द्वारा ‘भारत माता’ के चित्र के इस्तेमाल पर सबसे पहले आपत्ति जताई थी।

भाकपा नेता और मंत्री प्रसाद ने राजभवन में पर्यावरण दिवस समारोह का बहिष्कार किया था, क्योंकि चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की जानी थी।

बाद में उन्होंने कहा था कि संविधान या भारत सरकार के अनुसार ‘भारत माता’ का कोई आधिकारिक स्वरूप नहीं है और कार्यक्रम में ‘भारत माता’ की जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया उसका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

इसके तुरंत बाद भाकपा ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने और उसके सामने पौधे लगाने के अभियान की घोषणा की।

भाकपा ने सात जून को अपनी सभी शाखाओं में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पौधे लगाए तथा ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए।

अगले ही दिन आर्लेकर ने इस वामपंथी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जिन्होंने कभी ‘भारत माता’ के बारे में नहीं सोचा, वे ‘भारत माता की जय’ कह रहे हैं। यह एक अच्छा योगदान है। मैं इसकी सराहना करता हूं।’’

उसी दिन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव एम. वी. गोविंदन ने कहा कि ‘भारत माता’ की कोई अवधारणा नहीं है क्योंकि यह संविधान में नहीं है।

भाषा राजकुमार प्रशांत

प्रशांत

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