कानपुर (उप्र), 10 जून (भाषा) कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र में कथित तौर पर पुलिस उत्पीड़न के बाद एक व्यक्ति के आत्महत्या कर लेने पर एक दरोगा (उप निरीक्षक) और मुख्य आरक्षी समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी ।
एक पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) दीपेंद्र नाथ चौधरी के अनुसार, उप निरीक्षक गौरव शल्या, हेड कांस्टेबल रवि, पीड़ित की पत्नी सुमन और उसके पिता रामकिशोर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।दरोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान सजेती इलाके के कोटरा निवासी जीत कुमार उर्फ जीतू के रूप में हुई है, जो गुजरात के सूरत में एक निजी फर्म में काम करता था।
डीसीपी चौधरी के अनुसार, जीतू सोमवार को घरेलू विवाद के बाद अपनी पत्नी सुमन को वापस लाने के लिए कानपुर देहात के अकबरपुर स्थित अपने ससुराल गया था। हालांकि, उसके पिता रामकिशोर ने स्थानीय कोटरा पुलिस बूथ पर जीतू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
डीसीपी का कहना है कि जीतू को समझौते के लिए पुलिस चौकी बुलाया गया था, जहां उपनिरीक्षक शल्या और ‘हेड कांस्टेबल’ रवि ने उसके ससुर की मौजूदगी में उसे प्रताड़ित किया। जीतू पर मामले को सुलझाने के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत देने का भी दबाव बनाया गया था।
पुलिस के अनुसार जीतू ने अनाज बेचकर 20,000 रुपये का इंतजाम किया, लेकिन बाकी रकम नहीं दे पाया।
पुलिस ने बताया कि उस दिन बाद में जीतू ने अपने घर पर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।
डीसीपी चौधरी ने बताया कि शुरुआती जांच में पुलिसकर्मियों पर लगे आरोप सही पाए गए, जिसके बाद उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया और मामला दर्ज किया गया।
मीडिया से बात करते हुए जीतू के पिता रमेश ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को पुलिस बूथ पर अपमानित किया गया और ‘थर्ड डिग्री टॉर्चर’ किया गया।
इस घटना के बाद स्थानीय भाजपा विधायक सरोज कुरील ने जीतू के घर और कोटरा पुलिस बूथ का दौरा किया, जिसके बाद राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। उन्होंने डीसीपी चौधरी से भी सीधे संपर्क किया, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।
भाषा सं आनन्द
राजकुमार
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