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Wednesday, August 20, 2025

उप्र के 44 जिलों में नए तरीके से खेती करेंगे किसान, मौसम नहीं होने पर भी मिलेंगी पौष्टिक सब्जियां

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लखनऊ, 11 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के किसानों को ‘ग्रीन हाउस’ और ‘पॉली हाउस’ जैसी खेती की सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किया जा रहे हैं, जिससे वे सीजन नहीं होने के बावजूद पौष्टिक सब्जियां और अनाज उगा सकेंगे।

राज्य सरकार द्वारा बुधवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक लखनऊ, बहराइच, सुल्तानपुर, बाराबंकी, सीतापुर और अमेठी समेत 44 जिलों में यह सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

बयान में कहा गया है कि इनमें से 24 जिलों में ग्रीन हाउस बनकर तैयार हो चुके हैं जबकि 20 जिलों में तेजी से इनका निर्माण किया जा रहा है।

बयान के अनुसार ये सभी विकास कार्य कृषि अवसंरचना निधि योजना के तहत कराए जा रहे हैं और इसके साथ ही एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत सब्सिडी भी दी जा रही है।

बयान में कहा गया है कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने और किसानों की आय को दोगुना करने के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने फसल उत्पादन प्रौद्योगिकी में समय के साथ बदलाव करके किसानों को आधुनिक खेती के लिए तैयार किया है।

बयान के अनुसार अब ग्रीन हाउस और पॉली हाउस जैसी तकनीकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे किसान सीजन न होने पर भी पौष्टिक सब्जियां और अनाज की फसलें उगा सकें।

बयान में कहा गया है कि लखनऊ, बहराइच, सुल्तानपुर, बाराबंकी, सीतापुर, अमेठी समेत 44 जिलों के किसान अब इस तरह का बदलाव लाने जा रहे हैं।

बयान के मुताबिक प्रदेश के 44 जिलों में किसानों को ग्रीन हाउस और पॉली हाउस जैसी संरक्षित खेती की सुविधा प्रदान की जा रही है, इनमें से 24 जिलों में ग्रीन हाउस बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 20 जिलों में तेजी से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि सरकार का उद्देश्य है कि हर मौसम में किसान बेहतर उत्पादन कर सकें और बाजार में ताजे उत्पाद उपलब्ध करा सकें।

ग्रीन हाउस और पॉली हाउस टेक्नोलॉजी से खेती करने पर मौसम की मार से फसलों को सुरक्षा मिलती है। किसान अब सर्दी, गर्मी और बरसात हर मौसम में टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, खीरा, बीन्स जैसी पौष्टिक सब्जियां और अनाज की खेती कर सकते हैं। इससे न केवल उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर होती है बल्कि बाजार मूल्य भी अधिक मिलता है।

भाषा सलीम जोहेब

जोहेब

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