32.8 C
Jaipur
Monday, June 30, 2025

जोया अख्तर और रीमा कागती की नई डॉक्यूमेंट्री ‘इन ट्रांजिट’ में ट्रांसजेंडर जीवन की गहराई से झलक

Fast Newsजोया अख्तर और रीमा कागती की नई डॉक्यूमेंट्री 'इन ट्रांजिट' में ट्रांसजेंडर जीवन की गहराई से झलक

(बेदिका)

नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) फिल्म निर्माता जोया अख्तर और रीमा कागती को ‘ट्रांसजेंडर’ लोगों के जीवन के बारे में चार भागों वाली डॉक्यूमेंट्री सीरीज “इन ट्रांजिट” बनाने का विचार उनकी एक सीरिज “मेड इन हेवन” की वजह से आया था।

“इन ट्रांजिट” सीरीज का निर्देशन आयशा सूद ने किया है जबकि अख्तर और कागती इसकी निर्माता हैं। शुक्रवार को प्राइम वीडियो पर सीरीज का प्रीमियर होगा।

एलजीबीटीक्यू व्यक्तियों के जीवन को दिखाने के लिए ‘मेड इन हेवन’ की काफी प्रशंसा हुई थी। पहले सीजन में अर्जुन माथुर ने करण नामक समलैंगिक वेडिंग प्लानर की भूमिका निभाई थी जबकि दूसरे सीजन में त्रिनेत्र हलधर गुम्माराजू ने ट्रांसजेडर मेहर का किरदार अदा किया था।

जोया ने कहा कि उन्हें इस शो के माध्यम से “एलजीबीटी समुदाय से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली” क्योंकि समुदाय को लगा कि उन्हें प्रामाणिक तरीके से दिखाया गया है।

उन्होंने डिजिटल माध्यम से ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “जब हमने एक ट्रांस व्यक्ति के किरदार के बारे में लिखा, तो हमें एहसास हुआ कि हम बहुत कम जानते हैं… इसलिए, हमने लोगों का साक्षात्कार करना शुरू किया और जो लोग हमसे बात करते थे, वे बहुत ईमानदार थे। उन्होंने अपने सपनों समेत बहुत कुछ साझा किया। मेहर एक खास तरह का किरदार था, इसलिए यह कहानी (“इन ट्रांजिट” सीरीज) इन साक्षात्कारों से निकली।”

जोया ने कहा, “हमने महसूस किया कि यह कुछ ऐसा है जिसे हमें एक अलग तरीके से विस्तारपूर्वक दिखाना चाहिए। उन्हें दर्शकों को उनकी कहानी बताने की जरूरत है और हमने इस बारे में अमेजन प्राइम से बात की, जिसने एक कॉल में झट से इसके लिए हामी भर दी, इसलिए हम भाग्यशाली हैं।”

फिल्म निर्माता ने कहा कि उन्होंने सीरीज का निर्देशन करने के लिए सूद को लेने का फैसला किया क्योंकि इसके लिए एक ऐसा व्यक्ति चाहिए था जो सनसनीखेज तरीका अपनाए बिना महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने रखे, प्रामाणिक तरीके से सीरीज को आगे बढ़ा सके।

फिल्म निर्माता, फोटोग्राफर और संपादक सूद ने कहा कि जब अख्तर और कागती ने उनके सामने यह विचार रखा तो वह थोड़ी उलझन में पड़ गईं, क्योंकि ट्रांसजेंडरों के अनुभव एक बहुत बड़ा विषय है।

सूद ने कहा, ‘मैंने सोचा, ‘आप ट्रांस लोगों की कहानी कैसे बताएंगे?’ भारत में महिलाओं की तरह, यह विषय बहुत बड़ा है… भारत में एक महिला होने के विविध अनुभव होते हैं, उसी तरह, भारत में ट्रांस होना भी काफी अलग है और यह विशाल, अनोखा और जटिल है। हम इसे कहानियों में कैसे ला सकते हैं?”

उन्होंने कहा, “भारत में ट्रांसजेंडर होने का विचार बहुत व्यापक है। इसलिए हम अलग-अलग लोगों से बात करके व्यापक समझ कायम करना चाहते थे। हम चाहते थे कि यह सीरीज भारत में ट्रांस व्यक्तियों के जीवन के इर्द-गिर्द रहे।”

सूद ने कहा, ‘यह भी एक मुद्दा था कि कौन हमें अपनी कहानियां बता सकता है। हर किसी के लिए कैमरे पर आना आसान नहीं होता… ये कठिन होता है, इसलिए यह भी एक मुद्दा था कि वास्तव में कौन हमें ये कहानियां बता सकता है। हम चाहते थे कि लोग अपनी कहानियां खुद कहें।”

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles