नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) कांग्रेस ने सरकार से न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाली उच्चतम न्यायालय की समिति की रिपोर्ट उसके साथ साझा करने के लिए कहा है ताकि वह संसद के मानसून सत्र से पहले महाभियोग के मुद्दे पर अपना रुख तय कर सके।
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है।
न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर इस साल मार्च में आग लगने के बाद कथित तौर पर नकदी से भरे कई अधजले बोरे पाए गए थे। उस समय वह दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।
बाद में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति ने कई गवाहों से बात करने और वर्मा का बयान दर्ज करने के बाद उन्हें दोषी ठहराया।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा शुरू कर दी है।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने रीजीजू से समिति की रिपोर्ट साझा करने को कहा है ताकि वह महाभियोग के मुद्दे पर अपना रुख तय सके।
उन्होंने कहा कि मंत्री ने कांग्रेस को कोई जवाब नहीं दिया है।
पिछले सप्ताह रीजीजू ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने में सभी राजनीतिक दलों को साथ लेने के सरकार के संकल्प पर जोर दिया था और कहा था कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को ‘‘राजनीतिक चश्मे’’ से नहीं देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि यह प्रक्रिया ‘‘सहयोगात्मक प्रयास’’ हो।
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