चंडीगढ़, 12 जून (भाषा) कनाडा में रहने वाले गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश रचने की बात खुलेआम स्वीकार की है और दावा किया है कि पंजाबी गायक ने ‘कुछ गलतियां कीं जिन्हें माफ नहीं किया जा सकता था’ और ‘उसे इसका परिणाम भुगतना पड़ा।’
जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी बराड़ ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की एक डॉक्यूमेंट्री में यह बात कबूल की।
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने बुधवार को मूसेवाला की जयंती पर दो भागों वाली डॉक्यूमेंट्री ‘द किलिंग कॉल’ को बुधवार को यूट्यूब पर जारी किया।
सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर गायक शुभदीप सिंह सिद्धू की 29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
हत्या के समय मूसेवाला अपने दोस्त और चचेरे भाई के साथ जीप में सवार होकर मानसा स्थित ‘जवाहर के गांव’ जा रहे थे। छह हमलावरों ने मूसेवाला की एसयूवी को रोककर उस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं।
बराड़ ने उस समय ही हत्या की जिम्मेदारी ली थी। डॉक्यूमेंट्री में बराड़ ने बीबीसी को बताया कि मूसेवाला का बिश्नोई के साथ रिश्ता कई साल पुराना था, और गायक गैंगस्टर को ‘गुड मॉर्निंग’ और ‘गुड नाइट’ संदेश भेजता था।
बराड़ ने कहा कि हालांकि, मूसेवाला ने बिश्नोई के प्रतिद्वंद्वियों द्वारा आयोजित एक कबड्डी टूर्नामेंट का प्रचार किया, जिससे दोनों के रिश्ते खराब हो गए।
उसने कहा, ‘अपने अहंकार में, उसने (मूसेवाला) कुछ ऐसी गलतियां कीं जिन्हें माफ नहीं किया जा सकता था।’
डॉक्यूमेंट्री में बराड़ ने युवा अकाली दल के नेता विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या के बारे में भी बात की। मिद्दुखेड़ा की अगस्त 2021 में मोहाली में हत्या कर दी गई थी।
गैंगस्टर ने कहा, ‘‘हर कोई (हत्या में मूसेवाला की भूमिका के बारे में) जानता था। पुलिस को भी यह पता था। यहां तक कि विक्की के मामले की जांच कर रहे कुछ पत्रकारों को भी यह पता था।”
बराड़ ने कहा, ‘सिद्धू हमारे प्रतिद्वंद्वियों, हमारे भाइयों के हत्यारों की मदद करने के लिए अपनी राजनीतिक ताकत, अपने पैसे और संसाधनों का इस्तेमाल कर रहा था। हम उसे इसके लिए दंडित करना चाहते थे। उसके खिलाफ मामला दर्ज करके उसे जेल भेजा जाना चाहिए था। लेकिन कोई भी हमारी गुहार नहीं सुन रहा था और फिर हमने खुद कुछ करने का फैसला किया।”
डॉक्यूमेंट्री में बराड़ ने कहा, ‘हमारे पास उसे मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उसे अपने किए का परिणाम भुगतना ही था।’
यह पूछे जाने पर कि उसने कानून को अपने हाथ में लेने के बजाय भारत की न्यायिक प्रणाली का सहारा क्यों नहीं लिया, इसपर बराड़ ने कहा, ‘कानून और न्याय जैसी कोई चीज नहीं होती। केवल शक्तिशाली लोगों को ही न्याय मिल सकता है, आम लोगों को नहीं। मैंने अपने भाई के लिए वही किया जो मुझे करना था। मुझे किसी भी तरह का कोई पछतावा नहीं है और मुझे इस पर गर्व है।’
यह पूछे जाने पर कि उसने मिड्दुखेड़ा की हत्या के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की, तो बराड़ ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हमने समझौता कर लिया है या उन्हें माफ कर दिया है। उन सभी ने माफी मांगी है और अपनी जान की भीख मांगी है। लेकिन हमने किसी को माफ नहीं किया है और हम कभी माफ नहीं करेंगे।’
पुलिस ने पहले कहा था कि बराड़ ने मिद्दुखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए मूसेवाला की हत्या की योजना को अंजाम दिया।
पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब का मूल निवासी सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ 2017 में छात्र वीजा पर कनाडा गया था। वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है।
भारत में हत्याओं को अंजाम देने के लिए सीमा पार से ड्रोन के माध्यम से उच्च श्रेणी के हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों की तस्करी में संलिप्तता के कारण सरकार ने पिछले वर्ष बराड़ को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया था।
बराड़ प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल से भी जुड़ा रहा है। बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री मूसेवाला के शुरुआती जीवन, संगीत जगत में उनकी प्रसिद्धि और उनकी हत्या की परिस्थितियों पर केंद्रित है।
डॉक्यूमेंट्री में गायक के दोस्तों, पंजाब पुलिस के एक अधिकारी और कुछ पत्रकारों के साक्षात्कार भी शामिल हैं।
बुधवार को मूसेवाला की जयंती पर उनके परिवार ने उनके तीन गीत – ‘टेक नोट्स’, ‘0008’ और ‘नील’ रिलीज किए।
‘टेक नोट्स’ को अब तक 82 लाख बार देखा जा चुका है, तो वहीं ‘0008’ को 64 लाख बार और ‘नील’ को 63 लाख बार देखा गया है।
भाषा जोहेब रंजन
रंजन