नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) भारत और कनाडा को “जीवंत लोकतंत्र” बताते हुए विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि नयी दिल्ली का मानना है कि जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच होने वाली बैठक विचारों के आदान-प्रदान और द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने का रास्ता तलाशने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, “पिछले हफ्ते हमारे प्रधानमंत्री को कनाडा के प्रधानमंत्री का फोन आया था। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री (मोदी) को जी-7 (शिखर सम्मेलन) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया और जैसा कि आप जानते हैं, निमंत्रण स्वीकार कर लिया गया है।”
जायसवाल ने कहा कि यह बातचीत दोनों प्रधानमंत्रियों के लिए भारत-कनाडा संबंधों पर विचार-विमर्श करने और इसे आगे ले जाने के उपायों पर चर्चा करने का भी अवसर था।
कनाडा इस महीने के अंत में महत्वपूर्ण जी-7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
जायसवाल ने कहा, “भारत और कनाडा जीवंत लोकतंत्र हैं, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता से बंधे हैं। दोनों देशों के लोगों के बीच भी निश्चित रूप से बहुत ही जीवंत संबंध हैं।”
उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर दोनों नेताओं के बीच होने वाली आगामी बैठक द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने तथा आपसी सम्मान, साझा हितों और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को स्थापित करने या पुनःस्थापित करने का रास्ता तलाशने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी।”
बाद में भारत-कनाडा संबंधों की भावी दिशा से जुड़े एक सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा, “हम संबंधों को फिर से स्थापित करने का रास्ता तलाश रहे हैं।”
भाषा पारुल पवनेश
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