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Friday, June 13, 2025

हिमाचल के हमीरपुर में भीषण गर्मी से जल संकट बढ़ा

Newsहिमाचल के हमीरपुर में भीषण गर्मी से जल संकट बढ़ा

हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश), 12 जून (भाषा) हिमाचल प्रदेश में भीषण गर्मी के कारण जल स्रोत लगातार सूखते जा रहे हैं, जिससे हमीरपुर जिले के कई हिस्सों में लोगों के लिए पेयजल संकट पैदा हो गया है और लोगों को महंगे दामों पर निजी जल आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, जिले की 184 पेयजल आपूर्ति योजनाओं में से 22 में जलस्तर 50 प्रतिशत तक घट गया है।

जल शक्ति विभाग के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को आगह किया, ‘‘अगर आगामी सप्ताह में बारिश नहीं हुई तो कई पेयजल योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।’’

सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक नादौन उपमंडल का रंगस है, जहां पिछले चार दिनों से हैंडपंप खराब होने के कारण लगभग 100 प्रवासी परिवार पेयजल से वंचित हो गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि पहले पूरी तरह पंप पर निर्भर ये परिवार अब निजी बोरवेल या यहां तक ​​कि सुदूर क्षेत्रों में जलधारा से पानी ला रहे हैं।

जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता नीरज भोगल ने कहा कि विभाग संकट से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया, ‘‘हम प्रभावित परिवारों तक सहायता प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।’’

जल शक्ति विभाग हमीरपुर के पांच मुख्य प्रभागों – बरसर, भोरंज, नादौन, सुजानपुर और हमीरपुर शहर में पेयजल योजनाओं का प्रबंधन करता है। इनमें से बरसर और भोरंज सबसे अधिक प्रभावित है, जबकि नादौन के कुछ हिस्सों में भी जल स्तर में कमी और पेयजल की बढ़ती मांग के कारण आपूर्ति संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि, सभी क्षेत्र समान रूप से प्रभावित नहीं हैं। ब्यास नदी से पानी खींचने वाली योजनाएं, जैसे भोरंज में बमसन लगवालती योजना और हमीरपुर टाउन, सुजानपुर और बड़सर के सलूनी क्षेत्र की मुख्य आपूर्ति लाइन, सामान्य रूप से काम कर रही हैं।

अधिकारियों ने बताया कि नियमित ब्यास जलापूर्ति तथा सुजानपुर के प्लाही स्थल पर वोल्टेज संबंधी समस्या के समाधान से हमीरपुर कस्बे में निर्बाध वितरण सुनिश्चित हो गया है, जहां प्रतिदिन 74 लाख लीटर पानी खींचा जा रहा था, जिसे बढ़ाकर 84 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है।

इस बीच, धतवाल, बड़सर में स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां जलस्रोतों में जल स्तर घटने के कारण करीब 12 पेयजल योजनाएं पूरी तरह सूखने के कगार पर हैं।

अधिकारियों ने कहा, ‘‘वैकल्पिक स्रोतों से पानी लाकर कुछ राहत प्रदान की जा रही है।’’

भाषा यासिर रंजन

रंजन

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