नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) भारत ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानितरवींद्रनाथ टैगोर के बांग्लादेश स्थित पैतृक घर पर भीड़ द्वारा की गई तोड़फोड़ की बृहस्पतिवार को कड़ी निंदा की और इस हिंसक हमले को कवि की स्मृति एवं उनके समावेशी दर्शन का अपमान बताया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस महीने की शुरुआत में हुई तोड़फोड़ की घटना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से इन तत्वों पर लगाम लगाने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अपराधियों के खिलाफ ‘‘कड़ी कार्रवाई’’ करने का भी आग्रह किया।
कचहरीबाड़ी, सिराजगंज जिले में स्थित टैगोर परिवार का पैतृक घर और राजस्व कार्यालय है। टैगोर ने यहां रहकर अपनी कई साहित्यिक कृतियां रची थीं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर भीड़ द्वारा किए गए घृणित कृत्य, हमले और तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह हिंसक हमला नोबेल पुरस्कार विजेता की स्मृति, उनके समावेशी दर्शन एवं शिक्षाओं का अपमान है।’’
प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला ‘‘बांग्लादेश की सहिष्णुता के प्रतीकों को मिटाने और सामंजस्यपूर्ण सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करने के चरमपंथियों के सुनियोजित प्रयासों का’’ हिस्सा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अंतरिम सरकार से आग्रह करता है कि ‘‘ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जो दुखद रूप से बार-बार होने वाली घटनाएं बन गई हैं।’’
बांग्लादेश में मीडिया की खबरों से बुधवार को जानकारी मिली कि टैगोर के बांग्लादेश के सिराजगंज जिला स्थित पैतृक घर पर भीड़ ने हमला कर तोड़फोड़ की और इस घटना की जांच के लिए अधिकारियों ने तीन सदस्यीय समिति गठित की है।
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सिम्मी माधव
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