28.9 C
Jaipur
Tuesday, August 19, 2025

दिल्ली दंगा: अदालत ने 12 लोगों को हत्या के आरोप से बरी किया

Newsदिल्ली दंगा: अदालत ने 12 लोगों को हत्या के आरोप से बरी किया

नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के एक मामले में यहां की एक अदालत ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के नाम पर अनिर्णायक कड़ियों को ध्यान में रखते हुए 12 लोगों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया है।

हालांकि, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने आरोपियों में शामिल लोकेश सोलंकी को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक अव्यवस्था के लिए बयान देना) के तहत दोषी करार दिया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी व्यक्ति दंगाई भीड़ का हिस्सा थे, जिसने 25 फरवरी 2020 को आस मोहम्मद नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी और उसके शव को इलाके के भागीरथी विहार नाले में फेंक दिया था। पांच जून को दिए गए 62 पन्नों के आदेश में, न्यायाधीश ने कहा कि सोलंकी ‘‘कट्टर हिंदू एकता’’ नामक एक व्हाट्सएप चैट ग्रुप का सदस्य था।

आदेश में कहा गया है, ‘‘मैंने इस समूह में विभिन्न सदस्यों द्वारा पोस्ट किए गए संदेशों को देखा है। जैसा कि नाम से पता चलता है, इस समूह के संदेशों का मुख्य उद्देश्य हिंदू समुदाय के लोगों को एकजुट करना है। हालांकि, इस बहाने, मुसलमानों को गाली देने वाले संदेश आने लगे और मुसलमानों का मुकाबला करने के लिए सदस्यों को एकत्र होने के लिए कहा गया।’’

अदालत ने कहा कि चैट ग्रुप में सोलंकी के संदेश अपमानजनक थे, जो मुसलमानों के खिलाफ ‘‘लोगों को संगठित करने और भड़काने’’ के इरादे से लिखे गए थे।

अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी लोकेश ने दूसरों को हथियार आदि की मदद करने की पेशकश की, जिसका मकसद दूसरों को मुस्लिम व्यक्तियों के खिलाफ अपराध करने के लिए उकसाना था।’’

अदालत के आदेश के अनुसार, सोलंकी ने अपने संदेशों के माध्यम से मुस्लिम व्यक्तियों के प्रति वैमनस्य और शत्रुता तथा घृणा की भावना को बढ़ावा देने के अलावा अन्य समूह के सदस्यों को उनके खिलाफ अपराध करने के लिए उकसाने का प्रयास किया।

हालांकि, अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष सोलंकी और अन्य लोगों द्वारा हत्या किए जाने को साबित करने के लिए व्हाट्सऐप चैट को ठोस सबूत के रूप में नहीं मान सकता।

हत्या के अलावा, 12 आरोपियों को दंगा भड़काने, उपद्रव करने और गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने समेत अन्य आरोपों से बरी कर दिया गया।

आरोपियों में सोलंकी, पंकज शर्मा, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी, प्रिंस, जतिन शर्मा, ऋषभ चौधरी, विवेक पांचाल, हिमांशु ठाकुर, संदीप, साहिल और टिंकू अरोड़ा शामिल हैं।

भाषा सुभाष माधव

माधव

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles