मुंबई, 13 जून (भाषा) अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान के पायलटों में से एक कैप्टन सुमित सभरवाल के एक पारिवारिक मित्र ने उन्हें (हाउसिंग) सोसाइटी का एक अच्छा सदस्य बताते हुए उनकी मृत्यु पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि इस खबर पर विश्वास नहीं हो रहा है।
कैप्टन सभरवाल बृहस्पतिवार को हुए हादसे में जान गंवाने वाले 265 लोगों में शामिल हैं।
बृहस्पतिवार दोपहर को 230 यात्रियों और चालक दल के 12 सदस्यों को लेकर अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (एआई171) एक मेडिकल कॉलेज के परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
सभरवाल अपने पिता पुष्करराज के साथ मुंबई के पवई इलाके में रहते थे। पुष्करराज पहले नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) में काम कर चुके हैं।
पारिवारिक मित्र विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) संजय पई ने सभरवाल को “सोसाइटी का एक अच्छा सदस्य” बताया और कहा कि हर कोई उनके निधन की खबर से स्तब्ध है।
पई ने कहा, “जब सोसाइटी के सदस्यों को कल उनकी मौत के बारे में पता चला तो हम सभी सदमे में आ गए। कई लोग उनके परिवार से मिलने आए। विश्वास करना कठिन है कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं।”
दुर्घटना में जान गंवाने वाले चालक दल के सदस्यों में से एक दीपक पाठक ठाणे जिले के बदलापुर के रहने वाले थे, लेकिन हाल ही में वह अपने दैनिक आवागमन को आसान बनाने के लिए घाटकोपर चले गए थे।
एक पारिवारिक मित्र ने कहा कि पाठक एक समर्पित पेशेवर थे, जिन्होंने विमानन क्षेत्र में एक दशक से अधिक समय तक सेवा की।
उन्होंने कहा, “दीपक ने इस क्षेत्र में करीब 11 साल तक काम किया। उनके पिता हाल ही में बीमारी से उबरे हैं और अस्पताल से छुट्टी मिली है। यह हम सभी के लिए एक दुखद घटना है।”
पुणे जिले के पिंपरी चिंचवाड़ के निवासी चालक दल के सदस्य इरफान शेख के मित्रों ने बताया कि 22 वर्षीय इरफान हाल ही में ईद मनाने के लिए घर आया था।
उनके एक मित्र ने बताया, “इरफान बहुत मिलनसार व्यक्ति थे। हमें समाचार चैनलों के माध्यम से दुर्घटना के बारे में पता चला। उनके माता-पिता और बड़े भाई आमिर बृहस्पतिवार रात को अहमदाबाद पहुंचे।”
अपर्णा महादिक मुंबई के गोरेगांव में एक हाउसिंग सोसाइटी में रहती थीं, जहां कई एयरलाइन कर्मचारी रहते थे।
महादिक के पड़ोसी अखिलेश चौबे ने कहा, “जब हमें दुर्घटना के बारे में पता चला तो हमने प्रार्थना की कि हमारी बिल्डिंग का कोई भी व्यक्ति इसमें शामिल न हो। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।”
मुंबई में जन्मे जावेद अली का परिवार भी इस त्रासदी से पीड़ित है। अली ब्रिटिश नागरिक अपनी पत्नी मरियम और दो बच्चों जि़यान और अमीन के साथ लंदन जा रहे थे।
अली के मामा अयूब शेख ने कहा, ‘अली कुछ साल से लंदन में रह रहे थे। मैं डीएनए टेस्ट पूरा होने का इंतजार कर रहा हूं। मेरी इच्छा है कि उनके अवशेषों को मुंबई ले जाकर उचित तरीके से अंतिम संस्कार किया जाए।”
भाषा जोहेब पवनेश
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