नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उछाल के बाद तेल विपणन कंपनियों, विमानन, पेंट्स और टायर कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। ये वे क्षेत्र हैं जो कच्चे तेल से जुड़े हैं।
बीएसई पर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के शेयर में 1.90 प्रतिशत, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में 1.78 प्रतिशत और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के शेयर में 1.41 प्रतिशत की गिरावट आई।
दिनभर के कारोबार में बीपीसीएल में 6.11 प्रतिशत, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड में 5.34 प्रतिशत और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में 3.91 प्रतिशत तक की गिरावट आई थी।
इंटरग्लोब एविएशन के शेयर में 3.71 प्रतिशत और स्पाइसजेट के शेयर में 1.95 प्रतिशत की गिरावट आई। सत्र के दौरान स्पाइसजेट का शेयर 5.64 प्रतिशत और इंटरग्लोब एविएशन का शेयर 5.62 प्रतिशत तक गिर गया था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 8.39 प्रतिशत उछलकर 75.20 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के समूह वरिष्ठ उपाध्यक्ष और जिंस शोध के प्रमुख नवनीत दमानी ने कहा, “भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है और इसका असर तेल बाजार पर पड़ रहा है। ईरान पर इजराइल के हवाई हमलों ने आपूर्ति बाधित होने की आशंकाओं को जन्म दिया है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। चिंता यह है कि स्थिति एक बड़े क्षेत्रीय संकट में बदल सकती है, जिसका वैश्विक तेल आपूर्ति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।”
आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन व्यास ने कहा, “भारत अपनी 80 प्रतिशत से अधिक कच्चे तेल की ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर है, इसलिए ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष से ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उछाल आ सकता है।”
उन्होंने कहा, “कोई भी व्यवधान कई प्रमुख भारतीय क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है, जिसमें तेल विपणन कंपनियां, पेंट्स और वाहन एवं सीमेंट उद्योग शामिल हैं। अगर तनाव तीन से छह महीने से ज़्यादा समय तक बना रहता है, तो इन क्षेत्रों में मांग में कमी या मार्जिन पर दबाव देखने को मिल सकता है।”
पेंट्स कंपनियों शेयर में इंडिगो पेंट्स में 2.63 प्रतिशत, बर्जर पेंट्स में 0.59 प्रतिशत तथा एशियन पेंट्स में 0.14 प्रतिशत की गिरावट आई।
सीएट के शेयर में 1.35 प्रतिशत तथा अपोलो टायर्स के शेयर में 1.13 प्रतिशत की गिरावट आई।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, “अगर ईरान का हमला और जवाबी हमला लंबे समय तक जारी रहता है तो इजराइली हमले के आर्थिक परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं। ब्रेंट क्रूड की कीमतें करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 78 डॉलर पर पहुंच गई हैं। बाजार पर इसका असर इस बात पर निर्भर करेगा कि संघर्ष कितने समय तक जारी रहता है।”
उन्होंने कहा, “निकट भविष्य में बाजार जोखिम-मुक्त रहेगा। विमानन, पेंट, चिपकाने वाले उत्पाद और टायर जैसे तेल डेरिवेटिव्स का उपयोग करने वाले क्षेत्रों को भारी नुकसान होगा। ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसी तेल उत्पादक मजबूत बनी रहेंगी।”
कमजोर वैश्विक बाजारों और इजराइल द्वारा ईरान की राजधानी पर हमले के बाद ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण शुक्रवार को प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग एक प्रतिशत की गिरावट आई।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (कमोडिटीज) राहुल कलंत्री ने कहा, “कच्चे तेल का वायदा भाव 10 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 76 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जो दो महीने का उच्चतम स्तर है। ऐसा इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण आपूर्ति में गंभीर व्यवधान की आशंका के कारण हुआ है।”
भाषा अनुराग रमण
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