नोंग्रियाट (मेघालय), 13 जून (भाषा) अपनी हत्या से एक दिन पहले, इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी और उनकी नवविवाहिता पत्नी सोनम यहां एक ‘होमस्टे’ में ठहरने के बाद कई घंटों के लिए गायब हो गए थे और देर रात को रात्रि भोजन के लिए वापस आए थे। होमस्टे के मालिक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
शिपारा होमस्टे के मालिक कॉन्स्टेंटाइन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इंदौर के दंपति ने 22 मई को हमारे यहां चेक-इन किया और एक-एक कॉफी का ऑर्डर दिया।
उन्होंने कहा, “इसके बाद वे बिना किसी गाइड के बाहर चले गए। मुझे लगता है कि वे गांव में आने वाले अन्य पर्यटकों की तरह रूट ब्रिज देखने गए थे।” उन्होंने बताया कि राजा ने कमरे के लिए 1,000 रुपये, कॉफी के लिए 80 रुपये और रात के खाने के लिए 300 रुपये का भुगतान किया था।
ग्रामीणों ने बताया कि दंपति ने मेघालय की अपनी यात्रा के लिए पहले से कोई कमरा आरक्षित नहीं कराया था तथा उन्हें पूर्वी खासी पर्वतीय जिले के सोहरा में एक होमस्टे में कमरा नहीं मिला, जिसके कारण उन्हें एक गाइड की मदद से उसी जिले में स्थित मावलखियात से नोंग्रियाट तक पैदल यात्रा करनी पड़ी।
दिलचस्प बात यह है कि सोनम द्वारा अपनी सास से फोन पर यह दावा करने के बावजूद कि वह उपवास कर रही हैं, कॉन्स्टेंटाइन ने कहा कि उन दोनों ने पूरी रुचि के साथ रात्रि भोजन किया और उसका आनंद उठाया।
एक अन्य ग्रामीण ने अंधेरे से पहले रूट ब्रिज के पास इस दंपती को देखा। कॉन्स्टेंटाइन ने कहा कि जब उन्होंने बाद में सोशल मीडिया पर राजा का चेहरा देखा तो उन्हें वह चेहरा याद आ गया।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने तीन हत्यारों – सोनम के प्रेमी के दोस्तों – की उपस्थिति पर ध्यान नहीं दिया, जो कथित तौर पर हत्या में शामिल थे। होमस्टे में, राजा और सोनम को पांच उपलब्ध कमरों में से एक को रहने के लिये लिया।
कॉन्स्टेंटाइन ने याद करते हुए कहा कि अगली सुबह (23 मई) को उनका व्यवहार असामान्य था।
उन्होंने कहा, “हमारे मेहमानों के लिए इतनी जल्दी (सुबह 5 बजे) उठना असामान्य था। उन्होंने हमारे दरवाजे पर दस्तक दी और मुझे अपनी पत्नी को जगाकर पूछना पड़ा कि क्या उन्हें नाश्ते की जरूरत है। उन्होंने मना कर दिया और मुझसे कहा कि वे चेकआउट करना चाहते हैं।”
रघुवंशी और उनकी पत्नी उसी दिन सोहरा में छुट्टियां मनाते समय लापता हो गए थे। रघुवंशी का शव दो जून को एक खड्ड में मिला था। कॉन्स्टेंटाइन ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके तीन अन्य साथी कहां रहते थे।
इस बीच, सोनम, राज (जिन पर मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप) और तीन कथित हत्यारों को शिलांग के सदर पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया, जहां उन्हें उत्तर भारतीय भोजन दिया गया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की खान-पान की आदतों को देखते हुए, जो यहां के स्थानीय खान-पान से अलग है, उन्हें सादा उत्तर भारतीय भोजन परोसा गया तथा उन्हें अतिरिक्त कपड़े भी दिए गए।
भाषा प्रशांत माधव
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