मुंबई, 13 जून (भाषा) विमानन उद्योग के विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि एअर इंडिया विमान दुर्घटना की पूरी जांच से ही हादसे के कारणों का पता चल सकेगा और लोगों को उपयुक्त जांच पूरी होने तक इंतजार करना चाहिए।
लंदन जा रहा बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बृहस्पतिवार दोपहर उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई। यह देश की सबसे भयावह हवाई दुर्घटनाओं में से एक है। एअर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह के पास है।
एअर इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक जितेंद्र भार्गव ने कहा, ‘‘यदि आप ड्रीमलाइनर के इतिहास पर नजर डालें, तो अतीत में विवादों और विभिन्न तकनीकी पहलुओं के बावजूद इसने विमानन उद्योग में अच्छा योगदान दिया है। ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का यह पहला मामला है।’’
उन्होंने कहा कि हर बार या जब भी कोई दुर्घटना होती है, तो मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) लागू होती हैं और यह दुर्घटना कोई अपवाद नहीं है।
भार्गव ने कहा, ‘‘हां, दुर्घटना हुई, लेकिन यह क्यों हुई, इसकी पूरी जांच करनी होगी। लेकिन जहां तक दुर्घटना के कारण का सवाल है, मैं बहुत स्पष्ट हूं। मैं यह अनुमान लगाने या अटकलें लगाने का जोखिम नहीं उठाऊंगा कि यह संभवतः पक्षी के टकराने के कारण हुई होगी या यह किसी तकनीकी समस्या, या पायलट (की चूक) या किसी और वजह से हुई होगी। उपयुक्त जांच, वस्तुनिष्ठ जांच के निष्कर्ष तक इंतजार करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, एयरलाइन उद्योग से जुड़े व्यक्ति के रूप में मेरा सुझाव यह है कि हमें तार्किक रूप से जांच पूरी होने तक इंतजार करना चाहिए और उसके बाद ही कोई स्पष्ट वजह सामने आएगी।’’
दुर्घटना को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताते हुए, सरोश दमानिया एंड कंपनी के सरोश दमानिया ने कहा कि उड़ान भरने के समय ही विमान नीचे आने लगा और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
उन्होंने कहा, ‘‘अब, जहां तक फ्लैप (उड़ान भरने या उतरते समय गति धीमी करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला भाग) या इंजन का सवाल है, जब तक हमें सही जांच रिपोर्ट नहीं मिल जाती, हम इस पर ज्यादा अटकलें नहीं लगा सकते।’’
दमानिया ने कहा कि ब्लैक बॉक्स डेटा से हमें पता चल जाएगा कि विमान में क्या खराबी थी, क्योंकि बोइंग 787 विमान आधुनिक युग का विमान है, जो पायलट के इनपुट के अलावा बहुत सारे सेंसर, मशीनरी और ऑटोमेशन से लैस है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, तकनीकी रूप से या फ्लैप या इंजन के मामले में बहुत-सी गड़बड़ियां हुई हो सकती हैं। इसलिए, हमें ब्लैक बॉक्स पर जांच रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग से हमें जो भी डेटा मिलेगा, वह हमें बताएगा कि वास्तव में क्या हुआ था और दुर्घटना का वास्तविक कारण क्या था।’’
भाषा सुभाष पारुल
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