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Saturday, June 14, 2025

उत्तर पश्चिम भारत के अधिकतर हिस्सों में 25 जून तक पहुंच सकता है मानसून: मौसम विभाग

Newsउत्तर पश्चिम भारत के अधिकतर हिस्सों में 25 जून तक पहुंच सकता है मानसून: मौसम विभाग

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस सप्ताह फिर से गति पकड़ ली और अपने सामान्य समय से काफी पहले 25 जून तक दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकतर भागों में इसके पहुंचने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।

मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद से इतना पहले पहुंचा है। वर्ष 2009 में यह 23 मई को केरल पहुंचा था।

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में निम्न-दबाव वाले मजबूत तंत्र के कारण मानसून अगले कुछ दिन में तेजी से बढ़ा और 29 मई तक मुंबई सहित मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर तक पहुंच गया।

यह हालांकि 28-29 मई से 10-11 जून तक रुका रहा और अब फिर से सक्रिय हुआ है।

जून की शुरुआत से बारिश की कमी के कारण तापमान में तेज वृद्धि हुई, जिससे 8-9 जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी की स्थिति पैदा हो गई।

आईएमडी के विस्तारित अवधि पूर्वानुमान के अनुसार, अब मानसून 18 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों तथा उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों तक पहुंच जाएगा।

इसके 19 जून से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ने की उम्मीद है।

आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मानसून के 27 जून की सामान्य शुरुआत की तारीख से पहले 22-23 जून तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। जबकि इसके पहुंचने की सामान्य तारीख 30 जून है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून तक केरल में प्रवेश करता है, 11 जून तक मुंबई पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से लौट जाता है।

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख सीधे तौर पर कुल मौसमी वर्षा से संबंधित नहीं है। केरल या मुंबई में मानसून का जल्दी या देरी से आना जरूरी नहीं कि देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की प्रगति का संकेत हो।

उनका कहना है कि मानसून जटिल वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों से प्रभावित होता है, जिसमें महत्वपूर्ण परिवर्तनशीलता होती है।

मई में, आईएमडी ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि भारत में जून-सितंबर मानसून के मौसम के दौरान 87 सेंटीमीटर की दीर्घ अवधि औसत वर्षा का 106 प्रतिशत प्राप्त होने की संभावना है।

इस 50 वर्षीय औसत के 96 और 104 प्रतिशत के बीच बारिश को ‘सामान्य’ माना जाता है।

लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के आस-पास के इलाकों, पूर्वोत्तर और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है।

पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा सकती है।

इस बीच, तिरूवनंतपुरम में क्षेत्रीय मौसम कार्यालय ने कहा कि केरल में पश्चिमी हवाओं और उत्तरी कर्नाटक पर एक चक्रवाती परिसंचरण के कारण अगले पांच दिनों में राज्य में व्यापक वर्षा होगी।

आईएमडी ने कहा कि 14 से 17 जून तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा और तेज हवाएं चलने की संभावना है। इसने समुद्र तट पर तेज हवाओं और खराब मौसम की संभावना के मद्देनजर शुक्रवार से 17 जून तक केरल-कर्नाटक-लक्षद्वीप तट पर मछली पकड़ने जाने के खिलाफ चेतावनी दी।

आईएमडी ने शुक्रवार के लिए राज्य के 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और चार जिलों में येलो अलर्ट भी जारी किया। शनिवार के लिए, इसने दो जिलों में रेड अलर्ट, नौ जिलों में ऑरेंज और दो जिलों में येलो अलर्ट जारी किया।

वहीं, पणजी में क्षेत्रीय मौसम कार्यालय ने अगले तीन दिनों के लिए गोवा में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

आईएमडी गोवा निदेशक एन पी कुलकर्णी ने कहा कि तटीय राज्य के कुछ हिस्सों में बृहस्पतिवार से ही भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है।

उन्होंने बताया कि 16 जून तक भारी बारिश की संभावना को दर्शाते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जिस पर लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका टिकी है और जो सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है।

भाषा सुभाष प्रशांत

प्रशांत

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