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Thursday, August 21, 2025

उच्चतम न्यायालय ने आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में आंध्र प्रदेश के पत्रकार को जमानत दी

Newsउच्चतम न्यायालय ने आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में आंध्र प्रदेश के पत्रकार को जमानत दी

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार कोमिनेनी श्रीनिवास राव को जमानत दे दी, जिन्हें आंध्र प्रदेश पुलिस ने अपने लाइव शो में ग्रीनफील्ड राजधानी अमरावती के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए गिरफ्तार किया था।

शीर्ष अदालत ने राव की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर यह आदेश पारित किया।

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने 70 वर्षीय राव को रिहा करने का निर्देश दिया, जिन्हें नौ जून को गिरफ्तार किया गया था। पीठ ने कहा कि उन्होंने अपने शो में यह बयान नहीं दिया था और उनके पैनल में शामिल एक व्यक्ति ने कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी।

गिरफ्तारी को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार से सवाल करते हुए पीठ ने कहा कि यह जरूरी है कि राव के पत्रकारीय अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके मौलिक अधिकार की रक्षा की जाए।

पीठ ने आदेश दिया, ‘‘याचिकाकर्ता ने खुद लाइव टीवी शो में बयान नहीं दिया और उनके पत्रकारीय अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए ताकि उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी सुरक्षित रहे। हम निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता को निचली अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों के साथ रिहा किया जाए।’’

हालांकि, पीठ ने राव से कहा कि वह स्वयं किसी भी प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी न करें और किसी अन्य को उनकी उपस्थिति में उस शो में ऐसी टिप्पणी करने की अनुमति न दें, जिसकी मेजबानी या संचालन याचिकाकर्ता कर रहे हैं।

शुरुआत में राव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने दलील दी कि यह टिप्पणी उन्होंने नहीं बल्कि उनके पैनल के सदस्य ने की थी।

पीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दिए गए बयान के आधार पर याचिकाकर्ता को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है।

आंध्र प्रदेश पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा से पूछा, ‘‘बयान कोई दूसरा दे रहा है तो उन्हें कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है?’’

रोहतगी ने कहा कि वह बयान देने वाले व्यक्ति को उकसा रहे थे और उसका समर्थन कर रहे थे तथा उसे रोकने के बजाय उस टिप्पणी पर हंस रहे थे।

न्यायमूर्ति मनमोहन ने रोहतगी से कहा, ‘‘जब कोई अपमानजनक बयान देता है, तो हम उस पर हंस देते हैं। उन्हें सह-षड्यंत्रकारी नहीं कहा जा सकता।’’

पीठ ने राज्य की ओर से दी गई दलील से असहमति जताई और उसने राव को हिरासत से रिहा करने का निर्देश दिया।

इसने मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद तय की।

आंध्र प्रदेश पुलिस ने सोमवार को राव को हैदराबाद से एक कार्यक्रम की मेजबानी करने के आरोप में गिरफ्तार किया, जिसमें कथित तौर पर ग्रीनफील्ड राजधानी अमरावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी।

भाषा यासिर माधव

माधव

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