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Sunday, June 15, 2025

“भारत के पास मध्यस्थता की क्षमता, हम आपकी चिंताओं को सुनते हैं : इजराइली राजदूत रूवेन अजार”

Fast News"भारत के पास मध्यस्थता की क्षमता, हम आपकी चिंताओं को सुनते हैं : इजराइली राजदूत रूवेन अजार"

नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद भारत में इजराइल के राजदूत रूवेन अजार ने आशा व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि भारत में इजराइल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता करने की क्षमता है।

अजार ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘भारत के पास दोनों पक्षों के साथ बातचीत के रास्ते हैं। यह वास्तव में भूमिका (मध्यस्थता में) निभा सकता है। हम भारत के साथ इस ईमानदार बातचीत से खुश हैं जो हमारा बहुत अच्छा मित्र है… हम आपकी चिंताओं को ध्यान से सुनते हैं। मुझे लगता है कि वे (चिंताएं) जायज हैं।’’

इजराइल और ईरान द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ हमले किए जाने से पश्चिम एशिया में बढ़े तनाव के बीच यह टिप्पणी आई है।

नेतन्याहू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को फोन करके इजराइल की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। राजदूत ने इस कार्रवाई को ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के उद्देश्य से और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से उत्पन्न ‘‘अस्तित्वगत खतरे’’ का जवाब देने के लिए रक्षात्मक उपाय बताया।

इस बात पर बल देते हुए कि इजराइल के पास निर्णायक कार्रवाई के अलावा ‘‘कोई विकल्प नहीं’’ था, अजार ने कहा, ‘‘दुनिया का कोई भी देश इस तरह के हालत पैदा करना नहीं चाहता है।’’

उन्होंने दावा किया कि ईरानी अधिकारियों का एक गुप्त समूह इजराइल को ‘‘तबाह’’ करने के इरादे से परमाणु हथियार तैयार करने का प्रयास कर रहा था और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई बार-बार यह बात कहते रहते हैं।

आने वाले वर्षों में बैलिस्टिक मिसाइलों का विशाल शस्त्रागार बनाने की ईरान की ‘‘योजनाओं’’ की तरफ गौर कराते हुए अजार ने कहा, ‘‘हमें एक आसन्न खतरे को दूर करना था और उनके परमाणु प्रतिष्ठानों एवं बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी थी।’’

राजदूत ने कहा, ‘‘वे अगले तीन वर्षों में 10,000 और अगले छह वर्षों में 20,000 बैलिस्टिक मिसाइल तैयार करने की योजना बना रहे हैं। उनके पास एक विशाल शस्त्रागार है जो इजराइल के लिए खतरा है। वे दक्षिणी मोर्चे से हम पर हमला कर सकते हैं, इसलिए हमारे पास इस परमाणु खतरे पर कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था और हम इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए दृढ़ हैं।’’

अजार ने यह भी कहा कि इजराइल के जारी अभियानों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ईरान यूरेनियम को संवर्धित न कर सके, जो एक ऐसा लक्ष्य है जिसे कूटनीतिक या सैन्य दोनों तरीके से हासिल करने के लिए इजराइल दृढ़ संकल्पित है।

उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 60-दिवसीय वार्ता अवधि का संदर्भ देते हुए कहा कि ईरान द्वारा इसे न मानने पर 61वें दिन इजराइल ने कार्रवाई की।

अजार ने आरोप लगाया, ‘‘ईरान दूसरे देशों को धोखा दे रहा है।’’ उन्होंने कहा कि ईरान के परमाणु खतरे के बेअसर होने तक इजराइल अपना अभियान जारी रखेगा।

लक्षित हमलों में ईरान के सैन्य नेताओं और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत पर अजार ने कहा कि हमलों का उद्देश्य इजराइल को ‘‘तबाह’’ करने की ‘‘आपराधिक साजिश’’ को ‘‘विफल’’ करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस साजिश के लिए जिम्मेदार लोगों को मिटा दिया गया है। हमें उम्मीद है कि उनके उत्तराधिकारी सबक सीखेंगे और ऐसी हरकतें करना बंद कर देंगे।’’

भाषा खारी नेत्रपाल

नेत्रपाल

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