(पायल बनर्जी)
नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा)केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निरंतर प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में योग व्यक्तिगत स्वास्थ्य दिनचर्या से वैश्विक जन आंदोलन में तब्दील हो गया है और अब 170 से अधिक देशों में इसे उत्साह के साथ अपनाया जा रहा है।
जाधव ने 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में योग को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री को दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘योग को वैश्विक स्तर पर व्यापक रूप से अपनाए जाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया जा सकता है, जिन्होंने न केवल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के विचार का प्रस्ताव रखा, बल्कि सर्वसम्मति से इसके लिये समर्थन प्राप्त करने के वास्ते व्यक्तिगत रूप से वैश्विक नेताओं से संपर्क भी किया।’’
जाधव ने कहा कि इस प्रस्ताव को 177 देशों ने सह-प्रायोजित किया तथा इसे रिकॉर्ड 75 दिनों के भीतर अंगीकार किया गया, जिससे यह संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में सबसे तेजी से पारित प्रस्तावों में से एक बन गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि तब से योग एक सांस्कृतिक सेतु के रूप में उभरा है, जो विभिन्न महाद्वीपों के लोगों को जोड़ता है तथा ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ का वार्षिक आयोजन एक वैश्विक आंदोलन बन गया है।
उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर से लेकर प्रशांत महासागर के सुदूर द्वीपों तक, स्वास्थ्य और सद्भाव के उत्सव के रूप में अब योग के लिए चटाई बिछाई जा रही है।
जाधव ने कहा कि योग की वैश्विक पहुंच सिर्फ औपचारिक नहीं है, बल्कि यह ठोस भी है तथा दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों, आरोग्य कार्यक्रमों और स्कूल पाठ्यक्रमों में इसका एकीकरण बढ़ रहा है।
जाधव ने कहा, ‘‘एमडी और सर्जन सहित प्रमुख चिकित्सा पेशेवर अब जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और रोग-निवारक तथा रोग-पश्चात दोनों ही स्थितियों में सुधार के लिए योग की सलाह देते हैं। इस बढ़ती स्वीकार्यता ने योग को एकीकृत स्वास्थ्य सेवा में एक पूरक साधन के रूप में स्थापित कर दिया है।’’
उन्होंने बताया कि भारत में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं, जिसमें 100 दिवसीय उल्टी गिनती (काउन्टडाउन) कार्यक्रम भी शामिल है, जिसके तहत दिल्ली, भुवनेश्वर, नासिक और पुडुचेरी में हर 25 दिन पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि योग संगम, योग बंधन, योग पार्क, योग समावेश, योग प्रभाव, योग कनेक्ट, हरित योग, योग अनप्लग्ड, योग महाकुंभ और संयोग नाम से दस हस्ताक्षर कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
मंत्री के मुताबिक, मुख्य कार्यक्रम 21 जून को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित किया जाएगा, जहां प्रधानमंत्री के साथ पांच लाख से अधिक लोगों के योग करने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री समान योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) का नेतृत्व करेंगे।
जाधव ने बताया कि इसके साथ ही, योग संगम कार्यक्रम पूरे भारत में एक लाख से अधिक स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे, जिससे यह इतिहास में सबसे बड़े समन्वित योग अभ्यास में से एक बन जाएगा।
उन्होंने बताया कि अकेले दिल्ली-एनसीआर में 111 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाने की योजना है, जिनमें एक लाख से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘उत्सव का यह विकेन्द्रीकृत मॉडल प्रत्येक स्तर पर समुदायों को सशक्त बनाता है, प्रत्येक गांव, शहर और संस्थान योग के माध्यम से भारत की सौम्य शक्ति और सांस्कृतिक विरासत के लिए एक मंच बन जाता है। विचार केवल एक दिन के लिए योग करना नहीं है, बल्कि आरोग्य, संतुलन और स्थिरता पर आधारित जीवनशैली को प्रेरित करना है।’’
जाधव ने बताया कि 2025 में 60 से अधिक देशों में 130 से अधिक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जिनका समन्वय भारतीय मिशनों द्वारा किया जाएगा तथा लाखों लोगों के भाग लेने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि योग बंधन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का उद्देश्य साझा अभ्यास और स्वास्थ्य कूटनीति के माध्यम से लोगों से लोगों और संस्थाओं के बीच संबंधों को बढ़ावा देते हुए राजनयिक संबंधों को प्रगाढ़ करना है।
जाधव ने कहा कि 170 से अधिक देश पहले ही भारत की पारंपरिक योग प्रणाली को अपना चुके हैं और उनसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 को सक्रिय रूप से मनाने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय ने समावेशी और निर्बाध भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए योग संगम और माई भारत पोर्टल लॉन्च किए हैं। यह दुनिया भर के लोगों और संगठनों को अपनी भागीदारी दर्ज करने में सक्षम बनाता है।
मंत्री ने कहा कि 21 जून को विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री के साथ 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है, जबकि 10 से अधिक देशों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
भाषा धीरज दिलीप
दिलीप