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Sunday, June 15, 2025

“अहमदाबाद विमान हादसे ने छीनी मासूमों की मुस्कान, उड़ते जहाज अब डर बन गए हैं”

Fast News"अहमदाबाद विमान हादसे ने छीनी मासूमों की मुस्कान, उड़ते जहाज अब डर बन गए हैं"

(प्रशांत ठाकोर)

अहमदाबाद, 14 जून (भाषा)अहमदाबाद के मेघाणी नगर के बच्चों के लिए अपने घरों के ऊपर से उड़ते हुए विमान को देखना एक मजेदार गतिविधि हुआ करती थी, लेकिन उनके इलाके में एअर इंडिया के विमान के गिरने के बाद यह साधारण खुशी भी उनसे छीन गई है।

सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट स्थित मेघाणी नगर और असरवा क्षेत्रों के लोगों के लिए चीजें कभी समान्य नहीं होंगी, जिन्होंने देश की सबसे भयावह विमान दुर्घटनाओं में से एक देखी। इस हादसे में कुछ ही सेकंड में 265 लोगों की मौत हो गई।

अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रहा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (एआई 171) विमान बृहस्पतिवार दोपहर सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद मेघाणी नगर क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान में 242 लोग सवार थे।

यश परमार पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि बचपन में हम छत के ऊपर से गुजरते विमानों की आवाजें सुनते थे और अपने दोस्तों के साथ छत पर खड़े होकर आकाश में उड़ते इन विशाल विमानों को देखते थे।

वह कहते हैं, ‘‘हम विमानों को देखकर हाथ हिलाते थे। इस हादसे पहले तक यह हमारी पसंदीदा गतिविधि थी; लेकिन अब, जब भी कोई विमान हमारे नजदीक से गुजरता है, तो हमें घबराहट होने लगती है। इंजन की आवाज अब हमें बेचैन कर देती है। हम अब विमानों को देखकर हाथ हिलाने के लिए छतों पर नहीं जाते। हमारे माता-पिता ने चिंता के कारण हमें छत पर जाने से रोक दिया है।’’

असरवा निवासी हितेश शाह ने एअर इंडिया के विमान को गिरते देखा था। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद विमानों के प्रति लोगों का नजरिया बदल गया है।

शाह ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र के लोग हर घंटे अपने घरों के ऊपर से बड़े विमानों को उड़ते हुए देखने के आदी हो चुके हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा। लेकिन अब, हर कोई डरा हुआ है, जब भी वे विमान के इंजन की आवाज़ सुनते हैं, तो वे प्रार्थना करते हैं। अब हम हर विमान को संदेह की नजर से देखते हैं, और उम्मीद करते हैं कि यह हमारे ऊपर दुर्घटनाग्रस्त न हो जाए।’’

इस दुर्घटना ने न केवल विनाश और मृतकों के शोकाकुल परिवारों के लिए जिंदगी भर जख्म दिया है, बल्कि इसने उन इलाकों के निवासियों के मन पर भी गहरा आघात पहुंचाया है जो विमान की आवाज सुनने के आदी हो चुके थे।

मेघाणी नगर निवासी हीराबेन प्रजापति ने कहा कि उनकी जैसी कई महिलाओं को लगा कि दुश्मन के विमानों ने हवाई अड्डे पर बमबारी की है, और लोग आग और धुएं का विशाल बादल देखकर छिपने के लिए भागे।

उन्होंने कहा, ‘‘कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान और हमारे घरों के अंदर कंपन हमारे जीवन का हिस्सा थे, और हम कभी परेशान नहीं होते थे। लेकिन अब, जब भी कोई विमान दोपहर में गुजरता है, हम अपने घरों से बाहर निकल आते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह उस दुर्भाग्यपूर्ण विमान की तरह दुर्घटनाग्रस्त न हो। कई लोग डर के मारे ठीक से सो नहीं पाते हैं।’’

भाषा धीरज माधव

माधव

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