मलप्पुरम, 14 जून (भाषा) केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान शुक्रवार देर रात संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के नेताओं की गाड़ी की जांच किये जाने के बाद नया विवाद खड़ा हो गया।
कांग्रेस सांसद शफी परम्बिल व पार्टी विधायक राहुल ममकूटाथिल सहित कई लोग वाहन में सवार थे।
एक टीवी चैनल पर प्रसारित दृश्यों में कांग्रेस नेता वडापुरम के पास हुई घटना को लेकर निर्वाचन और पुलिस अधिकारियों से बहस करते नजर आए।
परम्बिल और ममकूटाथिल ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि वाहन की जांच करने के पीछे अधिकारियों का इरादा उनका ‘अपमान’ करने का था।
कांग्रेस के दोनों नेताओं ने कहा कि भले ही वे इस ‘अपमान’ से नाराज हैं लेकिन वे शिकायत दर्ज नहीं कराएंगे क्योंकि उन्हें प्रचार अभियान के दौरान इस मुद्दे को राजनीतिक चर्चा का विषय बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
दूसरी ओर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दलील दी कि कांग्रेस नीत यूडीएफ एक ऐसी व्यवस्था पर अनावश्यक विवाद पैदा कर रही है, जो चुनाव प्रक्रिया के दौरान सामान्य है।
परम्बिल ने शुक्रवार रात की घटना के बारे में कहा कि वह, ममकूटाथिल और कुछ अन्य लोग खाना खाकर वापस आ रहे थे कि तभी पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक ली और बाहर निकलने को कहा।
उन्होंने कहा, “मैंने गाड़ी रोकी और बाहर निकल गया। उन्होंने मुझे डिक्की खोलने को कहा और मैंने वैसा ही किया। उन्होंने मुझे सूटकेस व अन्य सामान बाहर निकालने को कहा और मैंने वैसा ही किया। फिर उन्होंने बस इतना कहा कि सब कुछ ठीक है और हम जा सकते हैं।”
परम्बिल ने कहा, “हमने उस समय जोर दिया कि वे सूटकेस की जांच करें और उसका वीडियो रिकॉर्ड करें तथा अगर उसमें कुछ मिला तो जवाब भी दें। हमने जोर दिया, क्योंकि हम समझ गए थे कि जांच के पीछे की मंशा जांच नहीं, बल्कि हमारा अपमान करना था।”
कांग्रेस के दोनों नेताओं ने दलील दी कि उन्होंने हर तरह से जांच में सहयोग किया लेकिन जब अधिकारियों ने वाहन से बाहर निकाले जाने के बाद सूटकेस की जांच नहीं की, तो उन्होंने जोर दिया कि इसे खोलकर जांच की जाए।
माकपा की राज्य इकाई के सचिव एमवी गोविंदन और नीलांबुर उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार एम स्वराज ने घटना के बाद कहा कि सभी को इस तरह के निरीक्षण में सहयोग करना चाहिए।
गोविंदन ने दावा किया कि यूडीएफ इस मुद्दे पर अनावश्यक विवाद पैदा कर रहा है क्योंकि इस तरह के निरीक्षण चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, “हमें हमारे वाहनों की जांच से कोई समस्या नहीं है।”
भाषा जितेंद्र प्रशांत
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