(तस्वीरों के साथ)
अहमदबाद/नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) अहमदाबाद में लंदन जा रही एअर इंडिया की विमान दुर्घटना में मृतकों की संख्या शनिवार को बढ़कर 270 हो गई। इसी बीच, केंद्र सरकार ने हादसे के कारणों की जांच के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बहु-विषयक समिति गठित की है।
जांचकर्ता बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (एआई171) के बृहस्पतिवार को दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता लगाने के लिए बीजे मेडिकल कॉलेज छात्रावास और कैंटीन परिसर के मलबे की जांच कर रहे हैं। वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टाटा के स्वामित्व वाली विमान कंपनी के बोइंग 787 श्रृंखला के विमानों की ‘‘विस्तारित निगरानी’’ के आदेश दिए हैं।
एअर इंडिया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उसने अपने नौ बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की एक बार की सुरक्षा जांच की है और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के निर्देशानुसार शेष 24 ऐसे विमानों की जांच पूरी करने की दिशा में अग्रसर है। एअर इंडिया के बेड़े में अब 26 बोइंग 787-8 और सात बोइंग 787-9 विमान हैं।
एक बार की सुरक्षा जांच से तात्पर्य किसी विशेष कार्यक्रम या गतिविधि से पहले किसी चीज के सुरक्षित होने और संबंधित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए किए गए विशिष्ट निरीक्षण या मूल्यांकन से है।
एअर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही उड़ान ‘एआई 171’ में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य थे जिनमें से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई है। वहीं, विमान मेडिकल कॉलेज परिसर पर गिरा जिससे जमीन पर मौजूद पांच एमबीबीएस छात्रों सहित 29 अन्य लोगों की भी जान चली गई। विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और मेघाणी नगर क्षेत्र में स्थित सरकारी बीजे मेडिकल कॉलेज के परिसर में गिर गया था तथा उसमें आग लग गई थी।
बीजे मेडिकल कॉलेज के ‘जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष डॉ. धवल गामेती ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘विमान दुर्घटना स्थल से अब तक करीब 270 शव अहमदाबाद सिविल अस्पताल लाए जा चुके हैं।’’ अधिकारियों ने पहले बताया था कि तीन दशकों में देश में हुए सबसे भीषण विमान हादसे में मरने वालों की संख्या 265 है।
जांचकर्ता दुर्घटना के सभी संभावित कारणों की जांच कर रहे हैं, जिनमें 11 वर्ष पुराने विमान के दोनों इंजनों में गति की कमी, कई पक्षियों का टकराना या फ्लैप में संभावित समस्या शामिल है।
नायडू ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि ब्लैक बॉक्स की जांच से पता लगेगा कि त्रासदी से कुछ क्षण पहले क्या हुआ था। डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर), जिसे आमतौर पर ब्लैक बॉक्स के रूप में जाना जाता है, शुक्रवार को दुर्घटना स्थल पर छात्रावास भवन की ‘छत’ से बरामद किया गया था।
अब तक एक और ब्लैक बॉक्स- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीबीआर) की बरामदगी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह उपकरण कॉकपिट में रेडियो प्रसारण और अन्य आवाज़ें रिकॉर्ड करता है, जैसे पायलटों के बीच बातचीत और इंजन की आवाजें।
नायडू ने कहा कि देश में विमानन सुरक्षा के बहुत सख्त मानक और मजबूत प्रोटोकॉल हैं तथा सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता वाली केंद्रीय समिति भविष्य में अहमदाबाद दुर्घटना जैसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश भी सुझाएगी। इसकी पहली बैठक सोमवार को होगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करेगी।
इसमें कहा गया कि समिति दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाएगी तथा यांत्रिक विफलता, मानवीय भूल, मौसम की स्थिति, नियामक अनुपालन और अन्य कारणों सहित दुर्घटना में योगदान देने वाले कारकों का आकलन करेगी।
बयान में कहा गया कि यह समिति भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुधारों की सिफारिश करेगी और उपयुक्त मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगी। इसमें कहा गया कि एसओपी में ऐसी घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय चलन भी शामिल होंगे।
मंत्रालय ने कहा कि यह समिति संबंधित संगठनों द्वारा की जा रही अन्य जांचों का विकल्प नहीं होगी।
समिति के लिए 13 जून को जारी आदेश में कहा गया कि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली इस समिति में नागरिक उड्डयन सचिव और गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सदस्य हैं।
गुजरात गृह विभाग, गुजरात आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण, अहमदाबाद पुलिस आयुक्त, भारतीय वायु सेना के निरीक्षण एवं सुरक्षा महानिदेशक, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक, तथा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के प्रतिनिधि भी समिति में शामिल हैं।
आदेश के मुताबिक अन्य सदस्यों में खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक और फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय के निदेशक भी शामिल हैं।
बयान के अनुसार, विमानन विशेषज्ञ, दुर्घटना जांचकर्ता और कानूनी सलाहकार सहित किसी भी अन्य सदस्य को समिति में शामिल किया जा सकता है। समिति बचाव कार्यों और समन्वय सहित विभिन्न हितधारकों की आपातकालीन प्रतिक्रिया का आकलन करेगी।
बयान के अनुसार, समिति को सभी रिकॉर्ड तक पहुंच प्राप्त होगी, जिसमें उड़ान डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान रखरखाव रिकॉर्ड, एटीसी (वायु यातायात नियंत्रण) में दर्ज विवरण और गवाहों की गवाही शामिल होगी।
नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने कहा कि यदि विदेशी नागरिक या विमान निर्माता इसमें शामिल हैं तो समिति अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी सहयोग करेगी। जांच सुचारू रूप से चल रही है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) दुर्घटना की जांच कर रहा है।
विमान हादसे से जुड़ी जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन से पहले दुर्घटना के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।
डॉ. गामेती ने बताया कि डीएनए नमूनों का मिलान कर पीड़ितों की पहचान की प्रक्रिया अभी चल रही है तथा प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल के प्राधिकारियों ने डीएनए नमूनों के आधार पर अब तक छह पीड़ितों की पहचान कर ली है और शवों को उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि इससे पहले, आठ पीड़ितों के शवों को अस्पताल द्वारा उनके परिजनों को सौंप दिया गया था, जिनकी पहचान उनके रिश्तेदारों ने की थी और उनकी डीएनए जांच करने की जरूरत नहीं पड़ी थी, क्योंकि पीड़ितों के शवों को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा था।
अतिरिक्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी जयेश खड़िया ने कहा, “दुर्घटना स्थल पर जारी जांच में फोरेंसिक और विमानन विशेषज्ञों की मदद कर रहे हमारे अग्निशमन कर्मियों को शुक्रवार को कैंटीन के मलबे से कुछ शव मिले, जबकि आज सुबह एक शव मिला।”
एअर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल पर केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की एक टीम भी तैनात की गई है।
एनएसजी कमांडो को दुर्घटनास्थल पर छात्रावास की इमारत में देखा गया, जहां दुर्घटना के बाद विमान का पिछला हिस्सा फंस गया था। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारियों ने शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा किया।
अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चूंकि विमान का पिछला हिस्सा कैंटीन की क्षतिग्रस्त इमारत के ऊपर फंस गया था, इसलिए उसे हटाने और नीचे लाने के लिए क्रेन की मदद ली गई है। खड़िया ने कहा, “एअर इंडिया के अधिकारियों के मौके पर पहुंचने के बाद हम दुर्घटनाग्रस्त विमान के पिछले हिस्से को इमारत से हटाने और उसे जमीन पर लाने का काम शुरू करेंगे।”
इस बीच, बी जे मेडिकल कॉलेज की डीन मीनाक्षी पारीख ने बताया कि विमान हादसे में क्षतिग्रस्त हुए छात्रावास इमारतों को एएआईबी द्वारा जांच के लिए खाली कराया जा रहा है तथा छात्रों को दूसरी जगह पर भेजा जा रहा है।
भाषा धीरज प्रशांत
प्रशांत