देहरादून, 14 जून (भाषा) श्रीलंका सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासांथा रोड्रिगो ने शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के वसंत सत्र की पासिंग आउट परेड (पीओपी) की समीक्षा की और कहा कि सच्चे नेतृत्व की परख शांति में नहीं बल्कि संघर्ष के समय होती है।
अपने-अपने देशों की सेनाओं में कमीशन पाने वाले 451 ‘जेंटलमैन कैडेटों’ को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल रोड्रिगो ने कहा कि कमीशन पाना केवल शुरुआत है। रोड्रिगो स्वयं इस संस्थान के पूर्व छात्र हैं।
उन्होंने कहा, ‘कठिन समय तब शुरू होता है जब आप संस्थान छोड़ते हैं। अधिकारी बनने से अधिक कठिन अधिकारी बने रहना होता है, क्योंकि सैन्य नेतृत्व का मतलब चिल्लाकर आदेश देना नहीं है, बल्कि आपके साथ काम करने वाले लोगों का सम्मान अर्जित करना है।’
रोड्रिगो ने कहा, ‘सच्चे नेतृत्व की परीक्षा शांति में नहीं, बल्कि संघर्ष के समय होती है। मैंने स्वयं श्रीलंका के आंतरिक संघर्ष के दौरान मुझे इसका एहसास हुआ था।”
उन्होंने कैडेट से कहा कि वे अपने लोगों का नेतृत्व करें और उनकी सुरक्षा को अपनी सुरक्षा से ऊपर रखें, भय के समय उनकी ताकत बनें, संदेह के समय प्रकाशस्तंभ बनें तथा निराशा के वक्त आशा की किरण बनें।
साल 1990 में आईएमए से पढ़ाई करने वाले रोड्रिगो ने कहा कि अकादमी में सीखे गए मूल्यों और सैन्य सेवा की भावना ने उन्हें आज एक सैनिक और नेता बनाया है।
भाषा जोहेब माधव
माधव