बेरूत, 14 जून (एपी) हिजबुल्ला को लंबे समय से इजराइल के साथ युद्ध की स्थिति में ईरान की पहली रक्षा पंक्ति माना जाता रहा है। लेकिन, इस सप्ताह जब से इजराइल ने ईरान के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला शुरू किया है, तब से ये लेबनानी चरमपंथी समूह इस लड़ाई से बाहर है।
इराक में ईरान समर्थित शक्तिशाली मिलिशिया का नेटवर्क भी शांत नजर आ रहा है जबकि इजराइल ने हमलों को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर इराक के हवाई क्षेत्र का भी इस्तेमाल किया है।
घरेलू राजनीतिक चिंताओं तथा लगभग दो वर्षों के क्षेत्रीय संघर्षों और उथल-पुथल में हुई भारी क्षति के कारण, ऐसा प्रतीत होता है कि ईरान के इन सहयोगियों ने नवीनतम संघर्ष में दूरी बनाना शुरू कर दिया है।
हिजबुल्ला का गठन 1980 के दशक के प्रारंभ में ईरान के समर्थन से एक गुरिल्ला बल के रूप में हुआ था जो उस समय दक्षिणी लेबनान पर इजराइल के कब्जे के खिलाफ लड़ रहा था।
इस चरमपंथी समूह ने इजराइल को लेबनान से बाहर निकालने में मदद की और आगामी दशकों में अपने शस्त्रागार का निर्माण किया, जिससे यह एक शक्तिशाली क्षेत्रीय ताकत बन गया और ईरान समर्थित गुटों के समूह का केंद्रबिंदु बनकर उभरा।
ईरान समर्थित सहयोगियों में इराकी शिया मिलिशिया, यमन के हूती विद्रोही और फलस्तीनी उग्रवादी समूह हमास भी शामिल है।
दक्षिणी इजराइल पर सात अक्टूबर 2023 को फलस्तीनी उग्रवादियों के हमले और गाजा में इजराइल की जवाबी कार्रवाई के बाद अपने सहयोगी हमास की सहायता करते हुए हिजबुल्ला ने सीमा पार से रॉकेट दागना शुरू किया था।
इसके अलावा, इराकी मिलिशिया कभी-कभी इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों को निशाना बनाता रहा है, जबकि यमन के हूती लड़ाकों ने एक महत्वपूर्ण वैश्विक व्यापार मार्ग लाल सागर में जहाजों पर गोलीबारी करके इजराइल को निशाना बनाना शुरू किया।
हिजबुल्ला और उसके नेता नईम कासिम ने इजराइल के हमलों की निंदा की और हमले में वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों की मौत पर शोक जताया। लेकिन कासिम ने यह नहीं कहा कि हिजबुल्ला इजराइल के खिलाफ किसी भी जवाबी कार्रवाई में भाग लेगा।
इराकी मिलिशिया ने भी एक बयान जारी कर इजराइल के ईरान पर हमले की निंदा की। साथ ही ईरान पर हमले के लिए कथित तौर पर इराक के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने के मद्देनजर इराक सरकार से ‘‘देश से शत्रुतापूर्ण ताकतों को तत्काल बाहर निकालने’’ का आह्वान किया।
हालाकि, इराकी मिलिशिया ने ईरान-इजराइल संघर्ष में किसी भी तरह से शामिल होने का कोई संकेत नहीं दिया है।
किंग्स कॉलेज लंदन के एसोसिएट प्रोफेसर और सैन्य विश्लेषक एंड्रियास क्रेग ने कहा, ‘‘सीरिया में आपूर्ति श्रृंखलाओं से कट जाने के कारण हिजबुल्ला की सामरिक स्तर पर स्थिति कमजोर हो गई है।’’
भाषा शफीक रंजन
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