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Tuesday, August 26, 2025

अहमदाबाद विमान दुर्घटना के ‘कारण’ का पता लगाने के लिए समिति गठित, मृतकों की संख्या 270 हुई

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(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली/अहमदाबाद, 14 जून (भाषा)केंद्र सरकार ने अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रहे एअर इंडिया के विमान के उड़ान भरने के कुछ क्षण बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के ‘मूल कारण’ का पता लगाने और यांत्रिक विफलता, मानवीय भूल और नियामक अनुपालन सहित अन्य कारकों का आकलन करने के लिए शनिवार को एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति गठित की है। वहीं, इस हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 270 हो गई है।

केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली समिति को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि विमानन नियामक डीजीसीए ने टाटा के स्वामित्व वाली विमान कंपनी के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर श्रृंखला के विमानों के लिए ‘‘विस्तारित निगरानी’’ का आदेश दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि समिति संबंधित संगठनों द्वारा की जा रही अन्य जांचों का विकल्प नहीं होगी।

एअर इंडिया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उसने अपने नौ बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की एक बार की सुरक्षा जांच की है और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के निर्देशानुसार शेष 24 ऐसे विमानों की जांच पूरी करने की दिशा में अग्रसर है। एअर इंडिया के बेड़े में अब 26 बोइंग 787-8 और सात बोइंग 787-9 विमान हैं।

एअर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही उड़ान ‘एआई 171’ में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य थे जिनमें से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई है। वहीं, विमान मेडिकल कॉलेज परिसर पर गिरा जिससे जमीन पर मौजूद पांच एमबीबीएस छात्रों सहित 29 अन्य लोगों की भी जान चली गई। विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और मेघाणी नगर क्षेत्र में स्थित सरकारी बीजे मेडिकल कॉलेज के परिसर में गिर गया था तथा उसमें आग लग गई थी।

दुर्घटना के बाद सुराग के लिए जांचकर्ता जहां बीजे मेडिकल कॉलेज छात्रावास और कैंटीन परिसर में मलबे की जांच कर रहे हैं। वहीं, एअर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि विमान की जून 2023 में व्यापक रखरखाव जांच की गई थी और इस वर्ष दिसंबर में इसकी अगली निर्धारित व्यापक जांच होनी थी।

अधिकारियों ने बताया कि करीब 12 साल पुराने इस विमान के दाएं हिस्से के इंजन की मरम्मत कर उसे मार्च 2025 में लगाया गया था, जबकि बाएं हिस्से के इंजन का निरीक्षण इंजन निर्माता के प्रोटोकॉल के अनुसार अप्रैल 2025 में किया गया था। विमान में जीईएनएक्स इंजन लगा था, जिसे जीई एयरोस्पेस ने बनाया था।

अधिकारियों ने पहचान गुप्त रखते हुए दावा किया कि इंजन या विमान में कोई समस्या नहीं थी।

बीजे मेडिकल कॉलेज के ‘जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष डॉ. धवल गामेती ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘विमान दुर्घटना स्थल से अब तक करीब 270 शव अहमदाबाद सिविल अस्पताल लाए जा चुके हैं।’’ अधिकारियों ने पहले बताया था कि तीन दशकों में देश में हुए सबसे भीषण विमान हादसे में मरने वालों की संख्या 265 है।

जांचकर्ता दुर्घटना के सभी संभावित कारणों की जांच कर रहे हैं, जिनमें विमान के दोनों इंजनों में गति की कमी, कई पक्षियों का टकराना या फ्लैप में संभावित समस्या शामिल है।

नायडू ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि ब्लैक बॉक्स की जांच से पता लगेगा कि त्रासदी से कुछ क्षण पहले क्या हुआ था। डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर), जिसे आमतौर पर ब्लैक बॉक्स के रूप में जाना जाता है, शुक्रवार को दुर्घटना स्थल पर छात्रावास भवन की ‘छत’ से बरामद किया गया था।

अब तक एक और ब्लैक बॉक्स- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीबीआर) की बरामदगी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह उपकरण कॉकपिट में रेडियो प्रसारण और अन्य आवाज़ें रिकॉर्ड करता है, जैसे पायलटों के बीच बातचीत और इंजन की आवाजें।

नायडू ने कहा कि देश में विमानन सुरक्षा के बहुत सख्त मानक और मजबूत प्रोटोकॉल हैं तथा सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता वाली केंद्रीय समिति भविष्य में अहमदाबाद दुर्घटना जैसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश भी सुझाएगी। इसकी पहली बैठक सोमवार को होगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करेगी।

इसमें कहा गया कि समिति दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाएगी तथा यांत्रिक विफलता, मानवीय भूल, मौसम की स्थिति, नियामक अनुपालन और अन्य कारणों सहित दुर्घटना में योगदान देने वाले कारकों का आकलन करेगी।

बयान में कहा गया कि यह समिति भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुधारों की सिफारिश करेगी और उपयुक्त मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगी। इसमें कहा गया कि एसओपी में ऐसी घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय चलन भी शामिल होंगे।

समिति के लिए 13 जून को जारी आदेश में कहा गया कि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली इस समिति में नागरिक उड्डयन सचिव और गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सदस्य हैं। गुजरात गृह विभाग, गुजरात आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण, अहमदाबाद पुलिस आयुक्त, भारतीय वायु सेना के निरीक्षण एवं सुरक्षा महानिदेशक, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक, तथा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के प्रतिनिधि भी समिति में शामिल हैं।

आदेश के मुताबिक अन्य सदस्यों में खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक और फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय के निदेशक भी शामिल हैं।

बयान के अनुसार, समिति को सभी रिकॉर्ड तक पहुंच प्राप्त होगी, जिसमें उड़ान डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान रखरखाव रिकॉर्ड, एटीसी (वायु यातायात नियंत्रण) में दर्ज विवरण और गवाहों की गवाही शामिल होगी।

नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने कहा कि यदि विदेशी नागरिक या विमान निर्माता इसमें शामिल हैं तो समिति अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी सहयोग करेगी। जांच सुचारू रूप से चल रही है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) दुर्घटना की जांच कर रहा है।

विमान हादसे से जुड़ी जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन से पहले दुर्घटना के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।

पीड़ितों के शोकाकुल परिवार अपने प्रियजनों के शवों के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं, बी जे मेडिकल कॉलेज के एक चिकित्सक ने बताया कि अब तक 11 दुर्घटना पीड़ितों के डीएनए नमूने उनके परिवार के सदस्यों के साथ मेल खा चुके हैं।

पीड़ितों की पहचान स्थापित करने के लिए डीएनए परीक्षण चल रहा है क्योंकि कई शव इतने जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल है।

सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. रजनीश पटेल ने संवाददाताओं से कहा कि डीएनए मिलान की प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके कानूनी और चिकित्सीय निहितार्थ हैं और इसलिए इसमें जल्दबाजी नहीं की जा सकती।

उन्होंने बताया कि हादसे में बचे एकमात्र विमान यात्री विश्वास कुमार रमेश की हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं।

अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने आठ पीड़ितों को उनके परिजनों को सौंप दिया था, जिनकी पहचान उनके रिश्तेदारों ने कर ली थी और उनकी डीएनए प्रोफाइलिंग की जरूरत नहीं पड़ी थी, क्योंकि उनके शवों को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा था।

अतिरिक्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी जयेश खड़िया ने कहा, ‘‘दुर्घटना स्थल पर चल रही जांच में फोरेंसिक और विमानन विशेषज्ञों की मदद कर रहे हमारे अग्निशमन कर्मियों को शुक्रवार को कैंटीन के मलबे से कुछ अवशेष मिले थे, जबकि आज सुबह एक शव मिला।’’

एअर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल पर केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की एक टीम भी तैनात की गई है।

एनएसजी कमांडो को दुर्घटनास्थल पर छात्रावास की इमारत में देखा गया, जहां दुर्घटना के बाद विमान का पिछला हिस्सा फंस गया था। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारियों ने शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा किया।

अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चूंकि विमान का पिछला हिस्सा कैंटीन की क्षतिग्रस्त इमारत के ऊपर फंस गया था, इसलिए उसे हटाने और नीचे लाने के लिए क्रेन की मदद ली गई है। खड़िया ने कहा, “एअर इंडिया के अधिकारियों के मौके पर पहुंचने के बाद हम दुर्घटनाग्रस्त विमान के पिछले हिस्से को इमारत से हटाने और उसे जमीन पर लाने का काम शुरू करेंगे।”

बी जे मेडिकल कॉलेज की डीन मीनाक्षी पारीख ने बताया कि विमान हादसे में क्षतिग्रस्त हुए छात्रावास इमारतों को एएआईबी द्वारा जांच के लिए खाली कराया जा रहा है तथा छात्रों को दूसरी जगह पर भेजा जा रहा है।

इस बीच, विमानन कंपनी के सूत्रों ने बताया कि एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस बृहस्पतिवार की दुर्घटना के बाद उड़ान संख्या ‘171’ का इस्तेमाल नहीं करेगी।

भाषा धीरज माधव

माधव

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