मुंबई, 15 जून (भाषा) कांग्रेस सांसद एवं पार्टी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने महायुति सरकार के कार्यकाल के दौरान बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा लिए गए फैसलों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।
एकनाथ शिंदे ने जून 2022 से दिसंबर 2024 तक महायुति सरकार का नेतृत्व किया था। इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने।
महायुति सरकार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं।
गायकवाड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “बीएमसी भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है, चाहे वह सड़क मरम्मत हो, नालों की सफाई, स्वास्थ्य या शिक्षा का मामला हो। बीते तीन वर्षों से नगर निकाय चुनाव नहीं हुए हैं और बीएमसी प्रशासक के अधीन है।”
गायकवाड़ ने कहा, “हम 2025 तक बीएमसी के कामकाज पर श्वेत पत्र की मांग करते हैं। राज्य सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय और महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से अब तक केवल 2022 तक की जांच कराई है।”
कांग्रेस सांसद ने बताया कि उन्होंने हाल में देवनार डंपिंग ग्राउंड और भाभा अस्पताल का दौरा किया था, जहां बुनियादी सुविधाओं और कचरा प्रबंधन की व्यवस्था में खामियां पाई गईं।
गायकवाड़ ने आरोप लगाया कि बीएमसी के धन का इस्तेमाल ‘पार्टी फंड’ की तरह किया जा रहा है और इसे बिचौलियों तथा ठेकेदारों को बांटा जा रहा है।
नगर निकाय चुनावों की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार जनता से जुड़े मुद्दों को उठा रही है और पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन पर फैसला करेगा।
कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) और शरद पवार की रांकपा (एसपी) वाले गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) में प्रमुख घटक दल है।
भाषा राखी खारी
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