नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) ‘फादर्स डे’ के अवसर पर मनोचिकित्सक रीरी जी त्रिवेदी और लालन-पालन विशेषज्ञ अनघा नागपाल की नयी किताब का लोकार्पण किया गया, जिसमें बच्चों के लालन-पालन को लेकर सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के साथ ही आज की जटिल दुनिया में इस चुनौती से निपटने के लिए भारतीय परिवारों का मार्गदर्शन किया गया है।
पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया (पीआरएचआई) द्वारा प्रकाशित ‘द बुक वॉन्ट टीच यू पेरेंटिंग’ का उद्देश्य माता-पिता को सही पालन-पोषण की शैली को समझने में मदद करना है, जो सभी पीढ़ियों और संस्कृतियों में संतुलित और सार्वभौमिक रूप से लागू हो।
पुस्तक की प्रस्तावना में लिखा है, ‘‘पुस्तक यह भी स्पष्ट करेगी कि माता-पिता अकसर क्या गलत करते हैं और अस्वस्थ आदतों से बचने के लिए वे क्या कर सकते हैं। यह पुस्तक उन मुद्दों पर भी प्रकाश डालती है जो आजकल बच्चों और माता-पिता के लिए अधिक प्रासंगिक हैं, जो पिछली पीढ़ियों में मौजूद नहीं थे, जैसे कि सोशल मीडिया का उपयोग, खुद को नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार और यौन अभिविन्यास एवं सुरक्षित सेक्स के बारे में बातचीत।’’
आठ अध्यायों में विभाजित यह पुस्तक, वैश्विक शोध और वास्तविक जीवन की कहानियों से परिपूर्ण है तथा भारतीय सांस्कृतिक संदर्भ में सकारात्मक पालन-पोषण के लिए रूपरेखा भी प्रस्तुत करती है। किताब बच्चे के जीवन के प्रत्येक चरण – शिशु अवस्था से लेकर किशोरावस्था तक – को संभालने के लिए समयानुकूल, आयु-उपयुक्त रणनीतियां भी प्रस्तुत करती है।
भाषा धीरज नेत्रपाल
नेत्रपाल