अगरतला, 15 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) ने त्रिपुरा में रह रहे सभी अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को वापस भेजने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की।
टीएमपी के वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद गुजरात, असम और मेघालय जैसे राज्यों ने त्वरित कार्रवाई की है।
अनिमेष देबबर्मा त्रिपुरा सरकार में वन मंत्री हैं।
उन्होंने कहा, “अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेकर विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों में भेजा गया और उन्हें उनके मूल देश वापस भेज दिया गया। त्रिपुरा में ऐसा नहीं किया गया, जैसा कि अपेक्षित था।”
देबबर्मा के नेतृत्व में टीएमपी के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को लेकर शनिवार रात राज्यपाल एन इंद्रसेन रेड्डी से मुलाकात की और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।
देबबर्मा ने कहा कि टीएमपी ने प्रधानमंत्री से राज्य में एक कार्यबल भेजने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “हमने असम राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राज्य पुलिस को शामिल करते हुए एक तंत्र स्थापित करने का भी आग्रह किया है ताकि अवैध प्रवासियों का पता लगाकर उन्हें हिरासत में लिया जा सके तथा उन्हें वापस भेजा जा सके।”
देबबर्मा ने राज्य में ‘जनसांख्यिकीय परिवर्तन’ पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान विभिन्न कारणों से बांग्लादेश से पलायन करने वाले 6,09,000 लोगों को स्वीकार किया था। अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए 24 मार्च, 1971 की तिथि को आधार मानकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।”
उन्होंने कहा कि सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें वापस भेजने के लिए एक अलग बजट के साथ त्रिपुरा पुलिस के तहत एक सचल कार्यबल (एमटीएफ) भी बनाया गया लेकिन समस्या अब भी बनी हुई है।
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल
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