भुवनेश्वर, 15 जून (भाषा) ओडिशा के जाजपुर जिले में अतिसार से दो और लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक लोगों का अब भी उपजारी जारी है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी (एडीएमओ) प्रकाश चंद्र बल ने बताया कि अतिसार से अब तक सात लोगों की मौत हुई है और इसका पहला मामला नौ जून को सामने आया था।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में 1,500 से अधिक लोग अतिसार का शिकार हुए, जिनमें से 1,300 लोग ठीक हो चुके हैं।
जन स्वास्थ्य निदेशक नीलकंठ मिश्रा ने बताया, “ स्थिति अभी नियंत्रण में नहीं आई है। जब अस्पताल में कोई नया मरीज भर्ती नहीं होगा, तब हम इसे नियंत्रित कर पाएंगे।”
मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) बिजय मिश्रा ने बताया कि अतिसार के 11 मरीजों में हैजा की पुष्टि हुई है, जिससे समस्या और बढ़ गयी है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में उपचाराधीन करीब 200 लोगों में से 21 के नमूने हैजा की जांच के लिए भेजे गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने बताया कि जमीनी हालात का आकलन करने के लिए 14 सदस्यीय केंद्रीय दल जिले में पहुंच गया है।
उन्होंने दिन में जिले के विभिन्न अस्पतालों का दौरा किया और मरीजों व चिकित्सकों से बातचीत की।
मुकेश ने संवाददाताओं से कहा, “यह हमारे लिए चिंता का विषय है कि जाजपुर में हैजा का पता चला है। कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक टीम को जिले में तैनात किया गया है। हम स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहे हैं।”
अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता (आरडब्ल्यूएसएस) टीमें जिले में पेयजल स्रोतों को कीटाणुरहित कर रही हैं जबकि खाद्य निरीक्षक और रोग निगरानी दल भी स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए काम में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को हैलोजन टैबलेट और ओआरएस पैकेट लोगों में वितरित करने के लिए दिए गए हैं। लोगों को सभी एहतियाती उपाय करने, बाहर का खाना खाने से बचने और स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन करने की सलाह दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि कटक जिले के कुछ हिस्सों और पुरी जिले के अस्तरांगा इलाके में भी अतिसार के मामले सामने आए हैं।
उन्होंने बताया कि कटक के घोलापुर गांव में 30 से अधिक लोगों में अतिसार की पुष्टि हुई है जबकि पुरी के अस्तरांगा में 20 लोग इससे प्रभावित हैं।
अधिकारियों ने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल टीमें उन इलाकों में भेजी गई हैं।
भाषा जितेंद्र रंजन
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