भुवनेश्वर, 15 जून (भाषा) ओडिशा के जाजपुर और क्योंझर जिलों के कुछ इलाकों में अतिसार के प्रकोप के बीच मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को स्वास्थ्य विभाग को पड़ोसी जिलों में इसके प्रसार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, प्रभावित जिलों में सभी अस्पतालों, सामुदायिक केंद्रों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
बयान के मुताबिक, पड़ोसी जिलों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
जाजपुर में पीने के पानी के स्रोतों को कीटाणुरहित करने का काम शुरू हो गया है, साथ ही रेहड़ी-पटरी पर खाद्य पदार्थों की बिक्री को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इसके अलावा खाद्य सुरक्षा निरीक्षण तेज कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है और प्रकोप को रोकने के लिए चिकित्सा दलों को तैनात किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग चिकित्सा और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नियमित बैठकों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक टीम भी प्रकोप को नियंत्रित करने में राज्य सरकार की सहायता के लिए ओडिशा पहुंच गई है।
अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी (एडीएमओ) प्रकाश चंद्र बल ने बताया कि जाजपुर जिले में अतिसार से अब तक सात लोगों की मौत हुई है।
अतिसार का पहला मामला नौ जून को सामने आया था।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में अतिसार से पीड़ित 1,750 लोगों में से 1,500 ठीक हो चुके हैं और लगभग 250 लोगों का इलाज जारी है।
जन स्वास्थ्य निदेशक नीलकंठ मिश्रा ने बताया, “ स्थिति अभी नियंत्रण में नहीं आई है। जब अस्पताल में कोई नया मरीज भर्ती नहीं होगा, तब हम इसे नियंत्रित कर पाएंगे।”
मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) बिजय मिश्रा ने बताया कि अतिसार के 11 मरीजों में हैजा की पुष्टि हुई है, जिससे समस्या और बढ़ गयी है।
स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने बताया कि जमीनी हालात का आकलन करने के लिए 14 सदस्यीय केंद्रीय दल जिले में पहुंच गया है।
उन्होंने दिन में जिले के विभिन्न अस्पतालों का दौरा किया और मरीजों व चिकित्सकों से बातचीत की।
मुकेश ने संवाददाताओं से कहा, “यह हमारे लिए चिंता का विषय है कि जाजपुर में हैजा का पता चला है। कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक टीम को जिले में तैनात किया गया है। हम स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहे हैं।”
अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता (आरडब्ल्यूएसएस) टीमें जिले में पेयजल स्रोतों को कीटाणुरहित कर रही हैं जबकि खाद्य निरीक्षक और रोग निगरानी दल भी स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए काम में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को हैलोजन टैबलेट और ओआरएस पैकेट लोगों में वितरित करने के लिए दिए गए हैं। लोगों को सभी एहतियाती उपाय करने, बाहर का खाना खाने से बचने और स्वच्छता संबंधी आदतों का पालन करने की सलाह दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि कटक जिले के कुछ हिस्सों, पुरी जिले के अस्तरांगा क्षेत्र और ढेंकनाल जिले के भुबन एनएसी में भी अतिसार के मामले सामने आए हैं।
उन्होंने बताया कि कटक के घोलापुर गांव में 50 से अधिक लोगों के अतिसार से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है, जबकि पुरी के अस्तरांगा में 20 लोग इससे प्रभावित हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह, भबन एनएसी में 30 से अधिक लोग अतिसार से प्रभावित हैं।
इस बीच बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने राज्य सरकार पर हैजा के प्रकोप को हल्के में लेने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जाजपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, पुरी, कटक और क्योंझर जिलों में हैजा ने गंभीर रूप ले लिया है तथा ऐसा लगता है कि यह प्रकोप अन्य जिलों में भी फैल रहा है।
पटनायक ने ‘एक्स’ पर कहा, “ओडिशा में हैजा के प्रकोप के प्रति राज्य सरकार का हल्का रवैया सभी को हैरान और परेशान करने वाला है।”
उन्होंने लिखा, “हैजा ने लोगों की जान जोखिम में डाल दी है। जो बीमारी कई वर्षों से नहीं देखी गयी वह अब विभिन्न जिलों में जीवन को बाधित कर रही है।”
उन्होंने राज्य सरकार से सतर्क रहने और बीमारी के प्रसार को रोकने व जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सख्त एवं तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
भाषा जितेंद्र रंजन
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