नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में प्रजनन कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले 15 वर्षीय नर गौर की आयु संबंधी जटिलताओं के कारण मौत हो गई। चिड़ियाघर के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने बताया कि गौर (जिसे भारतीय बाइसन के नाम से भी जाना जाता है) का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उसे पिछले कुछ दिनों से बाड़े में रखा गया था।
मैसूर से 2014 में लाए गए गौर ने चिड़ियाघर में इस प्रजाति की जनसंख्या बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कुमार ने कहा, ‘फिलहाल, यहां 15 गौर हैं और उनमें से 75 प्रतिशत से अधिक उसी से पैदा हुए हैं।’
उन्होंने कहा कि नमूने एकत्र कर लिए गए हैं और उन्हें आगे के विश्लेषण के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) भेजा जाएगा।
इस बीच, शनिवार को सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में भीषण गर्मी के बीच कथित तौर पर दिल्ली चिड़ियाघर में दो हाथियों को जंजीरों में बंधा हुआ दिखाया गया है, जिसका चिड़ियाघर के अधिकारियों ने खंडन किया है।
वीडियो साझा करने वाले ने दावा किया है कि वह समर कैंप के लिए पांच बच्चों के साथ चिड़ियाघर गया था, जिसमें दो हाथी जंजीरों से बंधे दिखाई दे रहे थे।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कुमार ने कहा, ‘फिलहाल किसी भी हाथी को जंजीरों में नहीं बांधा गया है। उनके बाड़े खुले रहते हैं और उन्हें नहाने के लिए पक्के और कच्चे तालाबों में ले जाया जाता है।’
भाषा शुभम रंजन
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