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Monday, June 16, 2025

गोवा सरकार का ‘रान भाजी’ अभियान, पारंपरिक वन सब्जियों को फिर से ला रही है थाली में

Fast Newsगोवा सरकार का 'रान भाजी' अभियान, पारंपरिक वन सब्जियों को फिर से ला रही है थाली में

पणजी, 16 जून (भाषा) गोवा सरकार मानसून के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा वन क्षेत्र में उगने वाली सब्जियों को आहार में शामिल करने की पुरानी परंपरा को कायम रखने तथा पुरातन खाद्य पद्धति को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सरकारी पहल के तहत गोवा विधानसभा अध्यक्ष और काणकोण से विधायक रमेश तावड़कर राज्य में ‘रान भाजी’ के नाम से लोकप्रिय सब्जियों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए अभियान संचालित कर रहे हैं। ये सब्जियां वन क्षेत्र में उगती हैं।

तावड़कर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली सरकार मानसून के दौरान इस अभियान को बढ़ावा दे रही है और ‘रान भाजी’ महोत्सव का समर्थन कर रही है, जो इस वर्ष सितंबर में आयोजित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘पुराने समय में गोवा के ग्रामीण लोग अपने आहार में इन सब्जियों को शामिल करते थे। ये सब्जियां जंगलों में प्राकृतिक रूप से पाई जाती हैं और इनमें रासायनिक खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं होता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले लोगों की जीवन प्रत्याशा अधिक थी। लोग मौसम के अनुसार सब्जियां खाते थे। आज इन सब्जियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। आप कह सकते हैं कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की ‘फिट इंडिया’ पहल का एक हिस्सा है।’’

उन्होंने बताया कि इन सब्जियों में औषधीय गुण भी होते हैं और ये सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए लाभदायक होती हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 और 2024 में आयोजित ‘रान भाजी महोत्सव’ के दौरान यह सामने आया कि गोवा के वनों में कम से कम 40 प्रकार की सब्जियां पाई जाती हैं।

तावड़कर ने कहा कि वह ‘रान भाजी महोत्सव’ को गोवा से बाहर भी ले जाना चाहते हैं ताकि राज्य की समृद्ध वन संपदा को दुनिया के सामने लाया जा सके।

गोवा में मानसून का मौसम शुरू हो गया है और काणकोण तालुका में रान भाजियां लोगों के दैनिक आहार का हिस्सा बन रही हैं।

‘पीटीआई वीडियो’ की एक टीम शनिवार को काणकोण तालुका पहुंची जहां स्थानीय निवासी अक्षदा वेलिप उन्हें जंगल में ‘टेरयाची भाजी’ और ‘तलकिल्याची भाजी’ इकट्ठा करने ले गईं।

घने जंगलों में कुछ दूर पैदल चलने के बाद वे उन स्थानों पर पहुंचे, जहां ये सब्जियां प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं।

वेलिप ने टीम के सदस्यों से कहा, ‘‘हम इन सब्जियों को पकाने में तेल का उपयोग नहीं करते। इन्हें केवल पानी से पकाया जाता है, जिससे इनका स्वाद और भी बढ़ जाता है।’’

इसी इलाके की एक अन्य स्थानीय निवासी, सुवर्णा वेलिप ने बताया कि ये सब्जियां गर्भवती महिलाओं और आयरन की कमी से पीड़ित लोगों के लिए लाभकारी होती हैं।

भाषा राखी शोभना

शोभना

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