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Monday, June 16, 2025

“आपदा प्रबंधन में भारत बना वैश्विक अगुवा”: अमित शाह का NDMA सम्मेलन में संबोधन

Fast News"आपदा प्रबंधन में भारत बना वैश्विक अगुवा": अमित शाह का NDMA सम्मेलन में संबोधन

( तस्वीर सहित )

नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि भारत एनडीएमए और एनडीआरएफ सहित अन्य एजेंसियों के उत्कृष्ट कार्यों की वजह से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन गया है।

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राहत आयुक्तों और आपदा मोचन बलों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि 10 साल पहले आपदा से निपटने वाले संगठनों का दृष्टिकोण हताहतों की संख्या कम से कम रखने का था और 10 साल बाद, हताहतों की संख्या शून्य रखने का लक्ष्य रहता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब भी भारत की आपदा प्रतिक्रिया का इतिहास लिखा जाएगा, मोदी सरकार के पिछले 10 साल परिवर्तनकारी दशक के रूप में दर्ज किए जाएंगे। इन 10 वर्षों में हमने क्षमता, दक्षता, गति और सटीकता – चारों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।’’

गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने नीति, विषय संरचना, अनुसंधान कार्य, जनता तक विभिन्न अभ्यासों का प्रसार, कई अनुप्रयोगों का विकास और समग्र समन्वय तथा नीति-संबंधी कार्य प्रभावी ढंग से किए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में एनडीएमए, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और सीडीआरआई (आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन) ने भारत को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने के लिए मजबूती से स्थापित किया है।’’

शाह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राहत और आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी एजेंसियों की कार्यशालाओं और बैठकों को एक साथ लाकर समग्र सरकारी दृष्टिकोण के साथ विचारों का एक मंच बनाने का काम किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब सभी आपदा राहत दलों के प्रमुख एक ही मंच पर चर्चा करते हैं, तो कई कमियां दूर हो जाती हैं और देश को भी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने में लाभ होता है।’’

गृह मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि हर साल आपदाओं के प्रति संवेदनशील कुछ जिलों और तहसीलों को इस सम्मेलन में शामिल किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्रीय स्तर पर जिस आपदा प्रबंधन की योजना रहती है, वह धीरे-धीरे तहसील और जिला स्तर तक भी पहुंचे।

उन्होंने एनडीएमए की भूमिका की भी सराहना करते हुए कहा कि इसने नीति, विषय संरचना, शोध कार्य, विभिन्न अभ्यासों का जनता तक प्रसार, कई अनुप्रयोगों का विकास और समग्र समन्वय तथा नीति-संबंधी कार्य को प्रभावी ढंग से किया है।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

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