अगरतला, 16 जून (भाषा) त्रिपुरा के आदिवासी कल्याण विभाग ने राज्य भर के 33 आदिवासी छात्रावासों में स्मार्ट कक्षाएं शुरू की हैं, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों को डिजिटल शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आदिवासी कल्याण मंत्री बिकाश देबबर्मा ने दो सप्ताह तक चलने वाले ‘धरती आबा जनभागीदारी अभियान’ की शुरुआत के मौके पर रविवार को एक आदिवासी छात्रावास में स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया।
इस दौरान सभी 33 सरकारी छात्रावासों के छात्रों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जो नव विकसित डिजिटल बुनियादी ढांचे का उपयोग करके कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस पहल से पहले चरण में लगभग 7,000 छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना में कई प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं जैसे लाइव ऑनलाइन संवाद आधारित कक्षाएं, रिकॉर्ड किए गए व्याख्यान, कई भाषाओं में मुद्रित अध्ययन सामग्री, ऑनलाइन समयबद्ध परीक्षण, डाउनलोड करने योग्य अध्ययन सामग्री, शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस), प्रत्येक छात्रावास में प्रेरक और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श सत्र आदि।
आदिवासी कल्याण निदेशक सुभाशीष दास ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमने दूरदराज के क्षेत्रों में रहने और पढ़ने वाले छात्रों को सर्वोत्तम संभव तकनीकी पहुंच प्रदान करने के लिए 100 सरकारी आदिवासी छात्रावासों में स्मार्ट कक्षाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा है। पहले चरण में, देबबर्मा द्वारा 33 छात्रावासों में यह सुविधा लागू की गई है।’’
उन्होंने कहा कि मंत्री ने एसडी मेमोरियल एसटी गर्ल्स हॉस्टल, बीकेआई एसटी बॉयज हॉस्टल (बेलोनिया), मेलाघर एसटी गर्ल्स हॉस्टल और केबीआई एसटी बॉयज हॉस्टल (उदयपुर) जैसे छात्रावासों के छात्रों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उन्हें तकनीकी लाभ का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
भाषा मनीषा नरेश
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