(योषिता सिंह)
कैलगरी (कनाडा), 16 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कनैनिस्किस में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार शाम को यहां पहुंचेंगे। यह एक दशक में उनकी पहली कनाडा यात्रा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर वे अपनी यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से कनाडा पहुंचेंगे।
कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन 16-17 जून तक चलेगा। जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की यह लगातार छठी भागीदारी है।
विदेश मंत्रालय ने नयी दिल्ली में कहा था, “शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री जी7 देशों के नेताओं, अन्य आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, विशेष रूप से एआई-ऊर्जा संबंध और क्वांटम-संबंधी मुद्दों सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।”
प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। यह सम्मेलन भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के एक महीने बाद हो रही है, जिसमें 22 अप्रैल के पहलगाम हमलों के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था।
जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी को कार्नी द्वारा दिया गया निमंत्रण, नयी सरकार की भारत के साथ संबंधों को सुधारने की मंशा का संकेत है, जो खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए थे।
पिछले साल अक्टूबर में भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था, क्योंकि ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने का प्रयास किया था। भारत ने कनाडा के भी इतने ही राजनयिकों को निष्कासित किया था।
भारत ने जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर कनाडा की धरती से खालिस्तानी समर्थक तत्वों को काम करने की अनुमति देने का आरोप लगाया था।
अर्थशास्त्री कार्नी ने ट्रूडो के शीर्ष पद से हटने के बाद कनाडा के नये प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला था।
पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने संपर्क पुनः शुरू किया है और दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
जी7 शिखर सम्मेलन भू-राजनीतिक तनावों के बीच हो रहा है, जिसमें ईरान और इजराइल के एक-दूसरे पर हमले करने के मद्देनजर पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीतियों के चलते शुरू हुआ व्यापार युद्ध भी शामिल है।
कनाडा क्रमिक आधार पर एक जनवरी, 2025 को जी7 की वार्षिक अध्यक्षता ग्रहण करेगा, जो जी7 शिखर सम्मेलन की 50वीं वर्षगांठ होगी।
‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी7) दुनिया की 7 उन्नत अर्थव्यवस्थाओं – फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा तथा यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है। इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हर साल जी7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं।
विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भारत को पिछले कुछ वर्षों से नियमित रूप से जी7 शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में आमंत्रित किया जाता रहा है।
भाषा प्रशांत संतोष
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