नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोमवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा खरीदे गए कुल टीकों में से 70 प्रतिशत और अमेरिका द्वारा आयातित जेनेरिक दवाओं में से 14 प्रतिशत भारत से जाती हैं।
पटेल ने भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) द्वारा आयोजित द्वितीय नीति निर्माताओं के फोरम के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण दिया। फोरम में 24 देशों के नीति निर्माताओं और दवा नियामकों का एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहा है।
भारतीय फार्माकोपिया की मान्यता को बढ़ावा देने और भारत की प्रमुख किफायती दवाओं की पहल- प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) में सहयोग के उद्देश्य से इस फोरम का आयोजन भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है।
अपने संबोधन में पटेल ने गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता और वैश्विक स्वास्थ्य समानता को सुविधाजनक बनाने में नियामक सामंजस्य के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत किफायती स्वास्थ्य सेवा समाधानों के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरा है और ज्ञान-साझाकरण, क्षमता-निर्माण और स्वास्थ्य कूटनीति के माध्यम से देशों के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करना जारी रखता है।
जन औषधि केंद्रों के महत्व को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे जन औषधि केंद्र हमारे सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने की भारत की प्रतिबद्धता के शानदार उदाहरण हैं। जन औषधि हमारे नागरिकों की जेब से होने वाले खर्च को कम करने के सबसे शक्तिशाली साधनों में से एक रही है।
टीके उपलब्ध कराने की दिशा में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत टीकों का अग्रणी आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। पटेल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के कुल टीकों में से 70 प्रतिशत भारत से प्राप्त होते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत ने ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल शुरू की और 100 से अधिक मित्र देशों को टीके की आपूर्ति की, जो वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति भारत की गहरी जिम्मेदारी की भावना और संकट के समय में मित्र देशों की मदद करने की उसकी भूमिका को दर्शाता है।
पटेल ने कहा, “भारत दवा निर्माण में अग्रणी बना हुआ है, खासकर जेनेरिक दवाओं की बात करें तो। अमेरिका द्वारा आयातित जेनेरिक दवाओं का 14 प्रतिशत भारत से जाता है। भारत में यूएस एफडीए (खाद्य एवं औषधि प्रशासन) द्वारा मान्यता प्राप्त दवा निर्माण संयंत्रों की अधिकतम संख्या भी है।”
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