गुवाहाटी, 16 जून (भाषा) असम पुलिस ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) कोष के दुरुपयोग से संबंधित एक मामले में सोमवार को राज्यसभा सदस्य अजीत कुमार भुइयां से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भुइयां पूर्वाह्न करीब 11:30 बजे मुख्यमंत्री के विशेष सतर्कता प्रकोष्ठ (एसवीसी) के समक्ष पेश हुए और उनसे पूछताछ की जा रही है। हालांकि, उन्होंने कोई विवरण साझा करने से इनकार कर दिया और कहा कि मामले की जांच चल रही है।
एसवीसी कार्यालय प्रवेश करने से पहले, भुइयां ने संवाददाताओं से कहा कि वह 2021-22 और 2022-23 के लिए अपने एमपीलैड योजना के तहत राशि के दुरुपयोग से संबंधित मामले में समन से हैरान हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह ज्ञात तथ्य है कि सांसद केवल किसी योजना की सिफारिश करता है, जबकि परियोजना का वित्तीय हिस्सा और कार्यान्वयन जिला आयुक्त (डीसी) से संबंधित है। वह एक अधिकारी को इसकी देखभाल करने के लिए अधिकृत करते हैं।’’
जातीय दल-असम (जेडीए) के प्रमुख भुइयां ने जांच की दिशा पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मैं जांचकर्ताओं से सवाल करुंगा कि क्या उस खास अवधि के डीसी से पूछताछ की गई है। भाजपा सांसदों से जुड़े मामलों में अधिकारियों से पूछताछ की जाती है, न कि सांसदों से।’’
भुइयां विपक्षी गठबंधन असम सोनमिलितो मोर्चा (एएसओएम) के अध्यक्ष भी हैं। सांसद ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा द्वारा धन के कथित दुरुपयोग के संबंध में 2022 में कुछ सवाल किए थे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने दावा किया, ‘‘विपक्षी दल हाल में सक्रिय हो गए हैं और एक बड़ा गठबंधन बनने की ओर अग्रसर हैं। ऐसा लगता है कि मुझे पूछताछ के लिए बुलाना पूरी तरह से राजनीतिक है। ऐसा कभी नहीं होता।’’
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि वह सांसद का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने जांच का बचाव किया।
शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन उन्होंने जिस सड़क परियोजना की सिफारिश की थी, वह मौजूद नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग जनता के सामने अपनी बहुत अच्छी छवि रखते हैं। इस मामले में सिर्फ उनका बयान लंबित था। इसके बाद रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी। मामले में दोषी पाए जाने के बाद कई अधिकारियों को पहले ही सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।’’
फरवरी 2023 में मीडिया में आयी खबरों के बाद जांच शुरू की गई थी, जिनमें 2021-22 और 2022-23 के दौरान एमपीलैड कोष के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।
उसके बाद एसवीसी द्वारा जांच शुरू की गई थी और उसके परिणामस्वरूप, असम सिविल सेवा (एसीएस) के कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया, और कुछ को घोटाले में उनकी संलिप्तता को लेकर बर्खास्त कर दिया गया।
भाषा अविनाश माधव
माधव