24.2 C
Jaipur
Tuesday, June 17, 2025

उच्चतम न्यायालय में तमिल भाषा को भी अनुमति मिलनी चाहिए : स्टालिन

Newsउच्चतम न्यायालय में तमिल भाषा को भी अनुमति मिलनी चाहिए : स्टालिन

तंजावुर, 16 जून (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को कहा कि तमिल भाषा को भी उच्चतम न्यायालय में अदालती भाषा के रूप में इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए।

एक विवाह समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि 1967 में दिवंगत मुख्यमंत्री सी.एन. अन्नादुरई के नेतृत्व वाली पहली द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार ने सुधारवादी, आत्म-सम्मान (धर्मनिरपेक्ष विवाह जिसमें कोई अनुष्ठान नहीं किया जाता है और न ही पुजारी द्वारा रस्मों को संपन्न कराया जाता है) विवाहों को कानूनी रूप से वैध बनाया था। दूल्हा और दुल्हन द्रमुक परिवारों से हैं।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश आर. महादेवन और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश द्वारा तमिल में भाषण दिए जाने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में भी तमिल भाषा को अदालती भाषा के रूप में प्रयोग की अनुमति दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात लगातार कही जा रही है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि निर्णय तमिल भाषा में भी दिए जा रहे हैं।

स्टालिन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय में तमिल भाषा में बहस की अनुमति दी जानी चाहिए और यह मांग लंबे समय से की जा रही है। उन्होंने न्यायाधीशों से इस मुद्दे पर समर्थन का अनुरोध किया।

इस अवसर पर मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बी. पुगलेंधी भी उपस्थित थे।

भाषा प्रशांत सुरेश

सुरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles