जालना, 16 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के विद्यार्थियों के शैक्षणिक नुकसान को रोकने के मकसद से कुनबी जाति वैधता प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए प्रमुख सचिव को आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।
जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मुलाकात के बाद शिरसाट ने यह घोषणा की।
जरांगे ने आवेदकों द्वारा अपने कुनबी वंश को साबित करने वाले वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने के बावजूद सरकारी अधिकारियों की ‘लापरवाही और अनुचित देरी’ पर नाराजगी व्यक्त की।
राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि प्रमुख सचिव को मराठा समुदाय के विद्यार्थियों को बिना देरी के कुनबी जाति वैधता प्रमाण पत्र प्रदान करने के आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को किसी भी तरह से शैक्षणिक हानि न पहुंचे।
मीडिया से बात करते हुए जरांगे ने कहा, ‘‘प्रमाणपत्र देने में देरी से छात्रों और उनके भविष्य पर असर पड़ रहा है। दस्तावेज होने के बावजूद प्रशासन जानबूझकर प्रक्रिया को लंबा खींच रहा है।’’
कार्यकर्ता मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता देकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। कुनबी एक कृषि समुदाय है, जो ओबीसी आरक्षण का लाभ उठाता है।
जरांगे ने आगे कहा कि अगर 30 जून को राज्य विधानसभा सत्र में इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ तो समुदाय 29 अगस्त को मुंबई तक विशाल मार्च शुरू करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के विधायकों से संपर्क किया है। हमारे आह्वान के बाद 12 विधायक अंतरवाली सरती का दौरा कर चुके हैं।’’
उन्होंने कहा कि वह सभी विधायकों, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों को गांव में बुलाएंगे।
उन्होंने 29 जून को अंतरवाली सरती में मराठा समुदाय की एक बैठक की भी घोषणा की, जहां वे उन विधायकों के नामों का खुलासा करने की योजना बना रहे हैं जिन्होंने समुदाय की अपील पर प्रतिक्रिया दी है।
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यासिर रंजन
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