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Tuesday, June 17, 2025

कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी के साथ विश्वासघात किया : भाजपा

Newsकांग्रेस ने हमेशा ओबीसी के साथ विश्वासघात किया : भाजपा

नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पहले कराए गए जातिगत सर्वेक्षण को रद्द करने और नया सर्वेक्षण कराने के कर्नाटक सरकार के फैसले के बाद कांग्रेस पर अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के साथ हमेशा विश्वासघात करने का सोमवार को आरोप लगाया।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता भूपेंद्र यादव ने जवाबदेही तय करने की मांग करते हुए कहा कि अब रद्द कर दिए गए जातिगत सर्वेक्षण को कराने में सरकारी खज़ाने से 165 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सामाजिक न्याय की बात सिर्फ दिखावे के लिए करती है, ताकि चुनाव में फायदा पाने के लिए समाज में फूट डाल सके।

कांग्रेस केंद्र से जाति गणना और राष्ट्रव्यापी जनगणना के दौरान सामाजिक-आर्थिक मापदंडों पर विस्तृत आंकड़े हासिल करने के लिए ‘तेलंगाना मॉडल’ अपनाने की मांग कर रही है। इसपर भाजपा के प्रमुख ओबीसी चेहरे ने सवाल किया कि विपक्षी पार्टी ने कर्नाटक में यही मॉडल क्यों नहीं अपनाया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदरूनी विरोधाभास उजागर हो गए हैं, क्योंकि पार्टी की सामाजिक न्याय के प्रति कोई वास्तविक प्रतिबद्धता नहीं है और वह चुनावी उद्देश्यों के लिए इस तरह के राजनीतिक हथकंडे अपनाती है।

यादव ने संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से माफी मांगने की भी मांग की। यह मांग उनके जन्मदिन पर उनके पैरों के पास भीम राव आंबेडकर की तस्वीर लगाने को लेकर उठे राजनीतिक विवाद के बाद की गई है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह उनके (लालू के) अहंकार को दर्शाता है। उनकी सरकार के दौरान पिछड़े वर्गों और दलितों को सबसे अधिक अन्याय का सामना करना पड़ा।’’

यादव ने दावा किया कि कांग्रेस का ओबीसी समुदाय के हितों के साथ विश्वासघात करने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकारों ने पिछड़ा वर्गों को सशक्त बनाने संबंधी काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को नजरअंदाज किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने मंडल आयोग की सिफारिशों का भी विरोध किया था।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा है कि नये सिरे से जातिगत सर्वेक्षण कराने का फैसला उनकी सरकार का नहीं है, बल्कि कांग्रेस नेतृत्व का निर्णय है।

यादव ने पत्रकारों के साथ बातचीत में राज्य सरकार के फैसले में पार्टी के इस तरह के हस्तक्षेप पर सवाल उठाया और इसकी तुलना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान सोनिया गांधी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के हस्तक्षेप से की।

कांग्रेस ने कहा है कि कुछ समुदायों की चिंताओं को दूर करने के लिए इस नई कवायद की घोषणा की गई है। साथ ही, पहले का जाति सर्वेक्षण डेटा 10 साल पुराना है और इसे अपडेट करने की जरूरत है।

यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी अनेक योजनाओं के जरिए पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के लिए काम किया है। उनके मुताबिक, सरकार ने राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्ज भी दिया है।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार का फैसला न सिर्फ पार्टी के विराधाभासों को सामने लाता है, बल्कि यह भी बताता है कि सामाजिक न्याय पार्टी के लिए महज़ एक दिखावा भर है और इसके प्रति कांग्रेस की कोई प्रतिबद्धता नहीं है।

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सामाजिक न्याय के नाम पर आंकड़ों में हेरफेर और वोट बैंक तुष्टीकरण का सहारा लेती है तथा पिछड़े वर्गों को हमेशा धोखा देती है।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने 2बी श्रेणी के तहत मुसलमानों के लिए आठ प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की है। उन्होंने दावा किया कि इससे कांग्रेस की सामाजिक न्याय के बजाय वोट बैंक तुष्टीकरण को प्राथमिकता देने की छवि उजागर होती है।

जाति गणना के लिए मोदी सरकार के फैसले का श्रेय कांग्रेस द्वारा अपने नेता राहुल गांधी को दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर यादव ने मुख्य विपक्षी दल का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 100 साल तक नेहरू-गांधी परिवार को श्रेय देने की अपनी आदत से बाहर नहीं निकल सकती। उन्होंने कहा, ‘यह उनकी गुलामी है।’

उन्होंने कहा कि सरकार ने हर पहलू पर विचार करने और पूरी तैयारी करने के बाद निर्णय लिया है। आज ही केंद्र ने 2027 में जाति गणना के साथ भारत की 16वीं जनगणना कराने की अधिसूचना जारी की है।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अधिसूचित ओबीसी समुदायों की नई सूची में बड़ी संख्या में मुस्लिम जातियों को शामिल करने के लिए भाजपा की आलोचना से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरी तरह से तुष्टीकरण की राजनीति में डूबी हुई हैं और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से सबसे वंचित वर्गों को महरूम कर रही हैं।

ओबीसी, एससी और एसटी के लिए आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा बढ़ाने की विपक्ष की मांग के बारे में पूछे गए सवाल पर यादव ने कहा कि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ में विश्वास करती है और संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण लाभों को जमीनी स्तर पर लागू करेगी। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाया जाएगा और भाजपा उनमें से प्रत्येक के लिए काम करती है।

भाषा नोमान रंजन

रंजन

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