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Wednesday, August 20, 2025

भाजपा ने बंगाल विधानसभा से बहिर्गमन किया, पार्टी विधायक निलंबित

Newsभाजपा ने बंगाल विधानसभा से बहिर्गमन किया, पार्टी विधायक निलंबित

कोलकाता, 16 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी के राज्य में स्कूली शिक्षा व्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद पार्टी विधायकों ने सोमवार को सदन से बहिर्गमन किया।

पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती में अनियमितताओं के कारण उच्चतम न्यायालय द्वारा लगभग 26,000 स्कूली नौकरियों को रद्द किए जाने के बाद भाजपा विधायकों ने सदन में स्थगन प्रस्ताव पेश किया था। विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए कहा कि मामला विचाराधीन है।

विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बंदोपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संबोधन के दौरान अनुचित आचरण के लिए भाजपा विधायक मनोज उरांव को दिन भर के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।

सदन में हंगामा तब शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री बनर्जी ने दावा किया कि उनकी सरकार के तहत पिछली सरकार की तुलना में रोजगार के अवसरों में काफी वृद्धि हुई है।

बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा गुजरात जैसे राज्यों और दिल्ली जैसे शहरों में बंगाली भाषी भारतीय मजदूरों को बांग्लादेशी बताकर उन्हें निशाना बना रही है।

बनर्जी ने कहा, ‘‘यह पार्टी (भाजपा) बंगाल विरोधी है। वे हमारे लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं।’’ इस पर विपक्षी दल के सदस्यों ने तुरंत जोरदार विरोध किया।

पूरा विपक्ष विरोध में खड़ा हो गया और नारे लगाने लगा, जिससे मुख्यमंत्री को अपनी बात जारी रखने से पहले कुछ देर रुकना पड़ा।

बनर्जी ने टिप्पणी की, ‘‘केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा अब अपने झूठ के एजेंडे को फैलाने के लिए सोशल मीडिया मंच पर गोदी मीडिया का इस्तेमाल कर रही है।’’

जब मुख्यमंत्री सदन को संबोधित कर रही थीं तब भाजपा के फालाकाटा से विधायक दीपक बर्मन ने ‘‘स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती विवाद, बेरोजगार शिक्षकों के प्रदर्शन और बर्खास्त उम्मीदवारों के अनिश्चितकालीन अनशन सहित राज्य में शिक्षा क्षेत्र की मौजूदा स्थिति’’ के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करने का अनुरोध किया, जिसका उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने समर्थन किया।

लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसकी अनुमति नहीं दिए जाने से नाराज भाजपा विधायकों ने ‘‘हमें यह जनता विरोधी सरकार नहीं चाहिए’’ तथा ‘‘भ्रष्ट ममता बनर्जी और उनके साथी वापस जाओ’’ जैसे नारे लगाए और फिर विधानसभा से बाहर निकलकर मुख्य हॉल के पास परिसर में एकत्र हो गए।

सदन से बहिर्गमन के बाद बर्मन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व संकट पर गहन चर्चा हो। इतने सारे योग्य शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं। वे सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं और मंत्रियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के कारण सड़कों पर बैठे हैं। पार्टी के कुछ भ्रष्ट नेता और मंत्री पहले से ही जेल में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पक्षपातपूर्ण अध्यक्ष ऐसी कोई चर्चा नहीं चाहते हैं जो राष्ट्र के निर्माताओं की दुर्दशा को उजागर करे। इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है?’’

कुछ भाजपा विधायकों ने तुलसी के पौधे भी लिए हुए थे। उनका आरोप था कि महेशतला में हाल में एक सामूहिक संघर्ष के दौरान पवित्र तुलसी मंच को तोड़ दिया गया था।

उन्होंने दावा किया कि पुलिस के हस्तक्षेप करने से पहले भीड़ ने धार्मिक स्थल को क्षतिग्रस्त कर दिया।

हालांकि, स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं और निवासियों के एक वर्ग ने इन आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि तुलसी मंच को एक समूह ने रातोंरात उस स्थान पर स्थापित कर दिया था, जहां अक्सर एक फल विक्रेता रहता है। फल विक्रेता ईद के लिए अपने गृहनगर गया हुआ था, जिससे यह स्थान खाली हो गया।

भाषा सुरभि रंजन

रंजन

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